गोपेश्वर (चमोली)। एकीकृत आर्दश ग्राम योजना के तहत शनिवार को जिला नियोजन एवं अनुश्रवण समिति की बैठक संपन्न हुई। जिसमें जिले के प्रत्येक ब्लॉक में जलवायु और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर आर्दश कृषि ग्राम बनाने के लिये गांवों का चयन किया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य विकास अधिकारी वरुण चैधरी ने कहा कि चयनित गांवों में क्लस्टर आधारित एकीकृत कृषि कार्यक्रमों का संचालन किया जाएगा।
योजना के अनुसार वर्ष 2021-22 के लिए जोशीमठ ब्लॉक के बडागांव, घाट के सेमा, दशोली के कुजौ-मेकोट, कर्णप्रयाग के नौली-थापली, पोखरी के रडुवा, गैरसैंण के कालीमाटी, नारायणबगड के किमोली, थराली के कुलसारी तथा देवाल के घेस गांव में योजना का संचालन कियास जाएगा। गांवों में ग्राम स्तरीय समिति के माध्यम से कार्ययोजना तैयार की जाएगी। जिस पर ब्लॉक स्तरीय समिति के परीक्षण के बाद जिला स्तरीय समिति योजना का अनुमोदन करेगी। सीडीओ ने कहा कि चयनित गांवों को आदर्श कृषि ग्राम के रूप में विकसित करने के लिए क्लस्टर आधारित एकीकृत कृषि कार्यक्रमों का संचालन किया जाएगा। जिसमें कृषि, उद्यानीकरण, सब्जी उत्पादन, मौन पालन, मशरूम उत्पादन, पशुपालन, मत्स्य पालन, चारा उत्पादन, डेयरी विकास, जैविक खेती, जडी-बूटी सगन्ध पौध उत्पादन, विपणन आदि कार्य रेखीय विभागों के समन्वय से करवाये जाएंगे। येजना के संचालन के लिये जिला, ब्लाक व ग्राम स्तर पर समिति गठित की गई है। सीडीओ ने अपर परियोजना निदेशक को ब्लाकों में चयनित सभी गांवों का रेखीय विभागों के अधिकारी के साथ संयुक्त सर्वेक्षण करने और गांव की आवश्यकता के अनुरूप कार्ययोजना तैयार कराने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि हर 15 दिनों में इसकी समीक्षा भी की जाएगी। इस मौके पर सभी अधिकारी मौजूद थे।