गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले की जीआईसी सिलपाटा के मामले में शिक्षा विभाग और प्रशासन की लापरवाही का उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग की ओर से मामले में निदेशक विद्यालयी शिक्षा को 28 अगस्त तक आवश्यक कार्रवाई कर जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं।
बता दें कि 25 जुलाई को भाकपा माले के गढ़वाल सचिव इंद्रेश मैखुरी की ओर से मुख्यमंत्री, बाल अधिकारी संरक्षण आयोग सहित शिक्षा निदेशक व सभी संबधित अधिकारियों को जीआईसी सिलपाटा के जर्जर भवनों की जानकारी देते हुए विद्यालय के सुरक्षित स्थल पर निर्माण की मांग उठाई थी। उन्होंने बता कि वर्ष 2006 में शिक्षा विभाग की ओर से जूनियर विद्यालय सिलपाटा को हाईस्कूल और वर्ष 2014 में इंटर स्तर पर उच्चीकृत कर लिया गया है। लेकिन सात वर्षों के बाद भी विभाग, शासन और प्रशासन की ओर से यहां विद्यालय में इंटर कक्षाओं के संचालन के लिये भवनों का निर्माण नहीं करवाया जा सका है। हालांकि यहां रमसा के तहत विभाग की ओर से यहां कला कक्ष, क्राफ्ट कक्ष और पुस्तकालय कक्ष का निर्माण किया गया। लेकिन वर्ष 2020 में विद्यालय के पिछले हिस्से से सक्रीय हुए भूस्खलन से जूनियर हाईस्कूल के लिये निर्मित भवन के साथ ही नव निर्मित भवन भी खतरे की जद में आ गये हैं। ऐसे में अब उत्तराखंड बाल अधिकार सरंक्षण आयोग की अनुसचिव रोशनी सती की ओर से मामले में निदेशक विद्यालयी शिक्षा को पत्र भेजा गया है। जिसमें उन्होंने विभाग को 28 अगस्त तक मामले में कार्रवाई कर जानकारी उपलब्ध कराने के आदेश दिये हैं।