गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले में वनाग्नि की रोकथाम एवं प्रभावी नियंत्रण को लेकर जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने शुक्रवार को जिला सभागार में समीक्षा बैठक ली। जिलाधिकारी ने जनपद स्तर पर वनाग्नि सत्र में रेखीय विभागों का इन्सीडेंट रिस्पांस सिस्टम बनाने और वन विभाग को फायर सीजन में नोडल अधिकारी की तैनाती करते हुए वनाग्नि घटनाओं की जानकारी प्रशासन को साझा करने के निर्देश दिए।

समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने वन विभाग को सभी वनाग्नि शमन उपकरणों की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही आवश्यक उपकरणों एवं संसाधनों की डिमांड आपदा प्रबंधन को देने के निर्देश दिए। उन्होंने स्थानीय जनता से भी खेतों में आड़ा, कूडा चलाने को लेकर भी सावधानी बरतने के अपील की। उन्होंने कहा कि  शरारती तत्वों की ओर से जानबूझकर वनों में आग लगायी जाएगी उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने वन विभाग को नियमित अंतराल में फायर लाइनों की सफाई करने के निर्देश दिए। साथ ही वन विभाग और पुलिस टीम को संवेदनशील इलाकों में वनाग्नि रोकथाम संबंधित जागरूकता कार्यक्रम करने के निर्देश दिए। प्रभागीय वनाधिकारी बद्रीनाथ वन प्रभाग सर्वेश दुबे ने बताया कि जनपद में 106 क्रू स्टेशन बनाए गए हैं, जिनमें पांच से सात वन कर्मियों एवं फायर वाचरों की तैनाती की जाती है, वहीं कुल 19 वाहन हैं। उन्होंने बताया कि जनपद में अब तक नौ वनाग्नि की घटनाएं हुई हैं।

 

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