गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले के गोपेश्वर महाविद्यालय के बीएड विभाग में लोकल फूड फेस्टिवल, रस्यांण का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम व्यावसायिक कौशल संवर्धन, ईपीसी की गतिविधि के अंतर्गत आयोजित किया गया। इस गतिविधि के दौरान अलग-अलग समूह जैसे सम्मौण, भागीरथी अलकनंदा, माणा, केदारखंड, हर की दून, पिंड दा ढाबा, डांडी काठी आदि की ओर से गढ़वाल एवं कुमांयू मंडल के अनेक व्यंजन बनाए  गए और उनका प्रदर्शन किया। सभी संबंधित प्रतिभागियों ने अपने-अपने क्षेत्र की वेशभूषा भी धारण की हुई थी।

महाविद्यालय में आयोजित फूड फेस्टिवल में विभिन्न समूह की ओर से अनेक व्यंजन परोसे गए, जिनमें मुख्य रूप से पतुडे़, भांग की चटनी, झंगोरे की खीर, भरी रोटी, मंडवे की रोटी, चैसू, भट्ट की दाल, लाल भात, मंड़ुए का हलवा’, ‘झंगोरे की खीर’, ‘स्वाले की पूरी’, ‘गहत का फनू’, ‘मुंगरी की पटूंगी’ और ‘गहथ की रोटी।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो केएस नेगी ने सभी समूह के स्टॉलों का निरीक्षण किया गया। बीएड विभाग की विभागाध्यक्ष, कार्यक्रम  संयोजक प्रो. स्वाति नेगी ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से छात्र-छात्राएं विभिन्न पहाड़ी व्यंजन  न केवल देखते हैं बल्कि एक दूसरे समुदायों एवं उसमें बनने वाले व्यंजनों से भी परिचित होते हैं और उत्तराखंड के पारंपरिक खाद्य पदार्थ न केवल स्वादिष्ट और पौष्टिक  हैं बल्कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले भी हैं। इस कार्यक्रम में प्रो. चंद्रावती जोशी, प्रो. अमित जायसवाल, डॉ. अखिलेश कुकरेती, डा. विधि ढोंडियाल, डॉ. सरिता पवार, डा. रंजू बिष्ट, डा. रमाकांत यादव, आदि उपस्थित रहे।

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