जोशीमठ (चमोली)। भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र को यातयात से जोड़ने वाली जोशीमठ-मलारी सड़क 13वें दिन सोमवार को भी सुचारु नहीं हो सकी है। हालांकि यहां धौली गंगा के तट पर बनाये गये पैदल मार्ग से सोमवार के 110 ग्रामीणों को निकाल लिया गया है। वहीं सोमवार को घाटी में हैली सेवा भी शुरु कर दी गई है। हैली सेवा शुरु होने के साथ ही प्रशासन की ओर से घाटी में मेडिकल टीम और पूर्ति विभाग की टीम भेज दी गई है।
बता दें कि 11 अगस्त को जोशीमठ-मलारी हाईवे तमक गांव के समीप पहाड़ी से लगातार गिर रहे मलबे के चलते बाधित हो गया था। जिसके बाद वर्तमान तक यहां हाईवे सुचारु नहीं हो सका है। ऐसे में घाटी में फंसे ग्रामीणों को निकालने के लिये प्रशासन की ओर से धौली गंगा के तट पर पैदल मार्ग का निर्माण करवा कर 110 लोगों को निकाल लिया गया है, वहीं सोमवार को मौसम साफ होने के साथ ही जोशीमठ से लाता हैली सेवा भी शुरु कर दी गई है। जिसके बाद प्रशासन की ओर से घाटी में मेडिकल टीम भेजकर घाटी के गांवों में निवास कर रहे ग्रामीणों को स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। जबकि पूर्ति विभाग की टीम की ओर खाद्यान्न को लेकर जानकारी ली जा रही है। बीआरओ की ओर से हाईवे से मलबा हटाकर वाहनों की आवाजाही सुचारु करने के प्रयास किये जा रहे हैं। हालांकि तमक के समीप पहाड़ी से लगातार मलबे और पत्थरों के गिरने के चलते घाटी में संचार और विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं की जा सकी है। जिससे ग्रामीण अंधेरे में रातें गुजारने के साथ ही अपने परिजनों से सम्पर्क भी नहीं कर पा रहे हैं।
जोशीमठ-मलारी हाईवे पर तमक में लगातार पहाड़ी से गिर रहे पत्थरों के चलते हाईवे सुचारु करने में दिक्कतें आ रही हैं। हालांकि पैदल मार्ग से ग्रामीणों को निकाला जा रहा है। साथ ही घाटी में हैलीसेवा शुरु कर दी गई है। जिससे घाटी में बीमार और बुजुर्गों को आवश्यकता पड़ने पर निकाला जा सकता है। हाईवे के सुचारु होने तक घाटी हैली सेवा का संचालन किया जाएगा। घाटी के गांवों में खाद्यान्न पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। वहीं मेडिकल टीम तैनात कर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण भी करवाया जा रहा है।
हिमांशु खुराना, जिलाधिकारी, चमोली।