खरीफ सीज़न में फसल बीमा के बारे में किसानों को जागरूक करना उदेश्य
देहरादून। किसानों को फसल बीमा के बारे में जागरूक करने के उदेश्य को लेकर क्षेमा जनरल इंश्योरेंस ने देश में अपनी सार्थक अभियान शुरू किया है। जिसका उद्देश्य खरीफ सीज़न शुरु होने पर किसानों को फसल बीमा के बारे में जागरूक करना है। मानसून के आगाज़ के साथ बुआई शुरू करते ही किसानों तक पहुंच जाएगा। यह अभियान किसानों को बताता है कि वित्तीय सुरक्षा के रूप में फसल बीमा का क्या महत्व है, खासकर तब, जब जलवायु घटनाएं चरम पर हैं और लगातार तीव्र होती जा रही हैं। इसका उद्देश्य किसानों के साथ मजबूत संबंध स्थापित करना और क्षेमा की अभिनव फसल बीमा योजना, सुकृति और प्रकृति तक आसान पहुंच सुनिश्चित करना है। यह उत्पाद क्षेमा के प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। बीमा योग्य आय वाला कोई भी किसान या परिवार का सदस्य फसल बीमा को खरीद सकता है, जिसकी शुरुआती कीमत 499 रुपए प्रति एकड़ है। एक बड़ी और एक छोटी आपदा के संयोजन से यह बीमा 100 से अधिक फसलों को कवर करता है। इसके लिए ऐप डाउनलोड करके अपना पंजीकरण करना होगा। अपने खेत को जियो-टैग करना होगा और प्रीमियम का भुगतान करना होगा। इस माौके पर भास्कर ठाकुर चीफ मार्केटिंग ऑफिसर क्षेमा जनरल ने कहा िक फसल के नुकसान और आय की क्षति को कम करने में फसल बीमा की उपयोगिता बता रहे हैं और किसानों को इसके बारे में जागरूक कर रहे हैं। बताया िक वित्तीय सुरक्षा का महत्व समझाने में कारगर सिद्ध होगा। बच्चे अक्सर बेहद सरलता से दिल छू लेने वाले ऐसे प्रश्न पूछ बैठते हैं, जो हमें कहीं न कहीं गहराई से विचार करने के लिए प्रेरित करते हैं। यही वजह है कि हमने फसल बीमा खरीदी का संदेश देने के लिए इस रिश्ते को चुना, ताकि प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले वित्तीय नुकसान को कम किया जा सके। उन्होंने कहा िक कृषि और सम्बंधित क्षेत्र भारत के कार्यबल के सबसे बड़े हिस्से को रोजगार देते हैं। वर्ष 2021-22 के पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे के अनुसार यह आँकड़ा 45.5% है और भारत की जीडीपी में लगभग 15% का योगदान देता है। हालाँकि, बीते कुछ समय में प्राकृतिक आपदाएँ निरन्तर और काफी तीव्र हुई हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है जलवायु परिवर्तन, जिसका कृषक समुदाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इंश्योरेंस ल का मिशन है किसानों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें अत्यधिक मौसमी घटनाओं तथा अन्य जोखिमों से उत्पन्न होने वाले आर्थिक अस्थिरताओं से बचाने के लिए सहायता प्रदान करना है।