देवाल (चमोली)। चमोली जिले के देवाल क्षेत्र के दूरस्थ गांव में वाण में बीते 25 जुलाई की रात्रि को हुई भारी बारिश के कारण घटगाड और साकुलीगाड ग्रामीणों की ओर से बनाया गया वैकल्पिक कच्चा पुल बह गया था जिससे ग्रामीणों को आवाजाही में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। यहां तक की स्कूली बच्चों को भी पांच किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय कर विद्यालय तक पहुंच रहे थे। ग्रामीणों ने शनिवार को श्रमदान कर दोनों स्थानों पर फिर से कच्चा पुल बना कर आवाजाही शुरू कर दी है।
देवाल क्षेत्र में पिछले दिनों लगातार हो रही बारिश ने क्षेत्र में बहने वाले नदियां और गधेरे उफान पर होने से लोगों की मुश्किल बढ़ गई है। वलाण गांव के उप प्रधान विरेन्द्र राम ने बताया कि गांव से ठीक नीचे आधा किलोमीटर की दूरी पर बडानी घटगाड गधेरा बहता है, जो चार दिन से ऊफान पर है। ग्रामीणों की आवाजाही ठप हो गई है। शनिवार को ग्रामीणों ने श्रमदान कर चार घंटे में वैकल्पिक पुल बना कर आवाजाही शुरू कर दी है। उन्होंने कहा पिछले दस वर्षों से ग्रामीण इस गधेरे में पुल बनाने की मांग शासन-प्रशासन से करते आ रहे है, लेकिन वर्तमान समय तक पुल नहीं बना है।
वाण गांव के पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य हीरा पहाड़ी और पूर्व रेंजर टीएस बिष्ट ने बताया है कि साकुलीगाड गधेरे में ग्रामीणों की ओर से बनाया गया पुल 25 जुलाई को बह गया था। ग्रामीणों व स्कूल के बच्चों को स्कूल जाने के लिए पांच किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही थी। आवाजाही की समस्या को देखते हुए ग्रामीणों ने शनिवार को श्रमदान कर लकड़ी का वैकल्पिक कच्चा पुल तौयार कर दिया है। इस स्थान पर जिला पंचायत का आरसीसी पुल था, जो 2023 की आपदा में बह गया। पुल बनाने की मांग लगातार ग्रामीण कर रहे लेकिन जिला पंचायत अभी तक पक्का पुल नहीं बना पाया है। पुल बनाने वालो में अध्यक्ष भारती देवी,जानकी देवी, कमला, पारूली, मदन कन्याल, लक्ष्मण सिंह, राजेन्द्र पटाकी, जानकी देवी,लखपत सिंह, रणजीत राम, पुष्कर राम, बहादूर राम, गणेशी देवी, पारूली देवी हयात राम जय राम,राम सिंह सहित तमाम ग्रामीण मौजूद थे।