जोशीमठ (चमोली)। चमोली में सुबह से ही बारिश और बर्फ़वारी हो रही है और यह बर्फ़वारी तब लोगो के लिए बड़ी मुसीबत बन जाती है, जब सडक विहीन गांव में किसी की तबियत बिगड़ जाती है और उसे अस्पताल ले जाना होता है। ऐसा ही वाकिया जोशीमठ विकासखंड के डुमक गांव में देखने को मिला। जहां गांव की विनीता देवी की अचानक तबीयत खराब होने के कारण दो दर्जन से अधिक ग्रामीणों ने बर्फबारी के बीच मरीज को कंधों के सहारे डंडी में बिठाकर 30 किलोमीटर पैदल पगडंडियों और गाड़ी न मिलने पर बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर हेलंग तक पहुंचाया। जंहा से विनीता देवी को टैक्सी के जरिये जिला चिकित्सालय गोपेश्वर भेजा गया जंहा विनीता का उपचार चल रहा है।
दरसअल उर्गम गांव से डुमुक गांव की दूरी करीब 18 किलोमीटर पैदल है। अक्सर गांव में बीमार होने पर लोगो को डंडी कण्डी के सहारे पैदल अस्पताल पहुंचाया जाता है। आज भी डुमुक गांव की विनीता देवी पत्नी दिनेश सिंह को पहले तो ग्रामीण डंडी कण्डी के सहारे बर्फ़वारी के बीच इस आस में उर्गम तक लाये कि वहां से गाड़ी मिल जाएगी ।लेकिन बारिश का मौसम होने और सड़क पर बर्फ जमी होने के कारण विनीता देवी को अस्पताल ले जाने के लिए आये ग्रामीणों गाड़ी नही मिलने पर फिर ग्रामीणों ने विनीता देवी को डंडी कण्डी में बैठाकर फिर 12 किलोमीटर का पैदल सफर सड़क पर तय करने के बाद बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित हेलंग तक पहुंचाया। जहां से टैक्सी के माध्यम से विनीता देवी को जिला अस्पताल गोपेश्वर पहुंचाया गया,जंहा विनीता देवी का उपचार चल रहा है।
उत्तरप्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड राज्य को बने हुए 20 साल का समय बीत गया है। लेकिन मूलभूत सुविधाओं की स्थिति आज भी जस की तस है। खासकर पहाड़ों में लोगो को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जहां न तो गांवो तक सड़क है, और न ही स्वास्थ्य सेवाएं। प्रदेश की सत्ता पर सरकारें किसी की भी रही हो लेकिन आज भी पहाड़ के कई गांवों में लोग पैदल सफर करने मजबूर है।
सामाजिक कार्यकर्ता यशवंत सिंह ने बताया कि डुमक गांव के लिए 2007 में सडक स्वीकृत हुई थी। लेकिन सड़क अभी तक स्यूण गांव तक बनी है उसे आगे डुमक के लिए सड़क का नहीं बन पायी है। उनका कहना है कि 13 साल बीत जाने के बाद भी अभी तक शासन प्रशासन की ओर से सड़क निर्माण को लेकर कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई है। इससे पूर्व भी कई बार सडक की समस्या को लेकर क्षेत्रवासी आंदोलन ओर चुनाव बहिष्कार की भी चेतावनी दे चुके हैं, लेकिन हर बार उन्हें शासन प्रशासन की ओर कोरे आश्वासनों का झुनझुना थमा दिया जाता है। जिससे क्षेत्र की जनता में सरकार व शासन प्रशासन के प्रति रोष व्याप्त है। इस मौके पर नरेन्द्र सिंह, दिलवर सिंह, विनोद सिंह आदि मौजूद रहे।