जोशीमठ (चमोली)। चमोली जिले के जोशीमठ नगर में हो रहे भू-धसाव से नगरवासी सहमे हुए हैं। ऐसे में अब नगर पालिका अध्यक्ष ने मामले में जिलाधिकारी से नगर की भूगर्भीय सर्वेक्षण करने और सुरक्षा कार्य करने की मांग उठाई है। नगरवासियों का कहना है कि यदि शीघ्र नगर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर व्यवस्था नहीं की जाती तो शासन और प्रशासन के सम्मुख नगर को बचाने को लेकर बड़ी चुनौती खड़ी हो सकती है।

बता दें कि बीती 17 और 18 अक्तूबर को जोशीमठ क्षेत्र में हुई बारिश के चलते नगर के विभिन्न वार्डों में भू-धसाव शुरु हो गया था। जिसके बाद से वर्तमान तक नगर में सुरक्षा कार्य शुरु न होने से अब यहां आवासीय भवनों पर दरारें आने लगी हैं। ऐसे में स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जहां प्रशासन की ओर से गांधीनगर और सिंहधार वार्डों के नौ परिवार के आवास की वैकल्पिक व्यवस्था आश्रम पद्धति विद्यालय में करने के आदेश दे दिये हैं। लेकिन भू-धसाव को लेकर यदि शीघ्र पुख्ता इतंजाम नहीं किये जाते तो इस संख्या में जल्द ही इजाफा होने की बात स्थानीय लोगों की ओर से कही जा रही है। स्थानीय निवासी हरीश भंडारी और अतुल सती का कहना है जोशीमठ में वर्ष 1990 से भू-धंसाव की समस्या बनी हुई है। लेकिन वर्तमान तक पुख्ता इंतजाम न होने के चलते वक्त के बढने के साथ ही समस्या विकराल रुप धारण कर रही है। उन्होंने शीघ्र भू-धंसाव को लेकर सुरक्षा इंतजाम न किये जाने की सूरत में शासन व प्रशासन के सम्मुख नगर की सुरक्षा को लेकर बड़ी चुनौती खड़ी हो जाएगी।

 

जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव को देखते हुए नगर का भूगर्भीय सर्वेक्षण करवाया जाएगा। सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर नगर की सुरक्षा के लिये कार्य करवाये जाएंगे।

नंद किशोर जोशी, आपदा प्रबंधन अधिकारी, चमोली।

 

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