गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बंदरों से खेती और बागवानी के नुकसान को कम करने के लिये केदारनाथ वन प्रभाग ने योजना तैयारी की है। जिसके तहत विभाग की ओर से जिले के 15 गांवों को मॉडल के रुप में चयनित करने की प्रक्रिया शुरु कर दी है। जिसके बाद योजना के अनुसार कार्य किया जाएगा।

बता दें जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बंदरों के आतंक के चलते काश्तकार परेशान हैं। जिसे देखते हुए केदारनाथ वन प्रभाग ने परम्परागत तरीके से गांवों में बंदरों को भगाने के लिये एक व्यक्ति की तैनाती करने की योजना बनाई है। वन प्रभाग के डीएफओ इन्द्र सिंह नेगी ने बताया कि पूर्व में ग्रामीणों की ओर से सभी गांवों में बंदरों को भगाने के लिये एक व्यक्ति तैनात किया जाता था। जिससे काश्तकारों को बंदरों की समस्या से निजात मिल जाती थी। इसी तर्ज पर वन क्षेत्राधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में 3-3 गांव चयनित कर पराम्परिक मॉडल पर कार्य करने की योजना बनाई गई है। यदि इस मॉडल से काश्तकारों को लाभ मिलता है। तो इसे उच्चाधिकारियों के सम्मुख रख अन्य गांवों में भी लागू किया जाएगा।

 

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