गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले में निपुण भारत मिशन के अंतर्गत सौ दिवसीय रीडिंग कैम्पेन चलो चला-सब पढ़ला का नौ विकासखंडों के शिक्षक के साथ तीन दिवसीय वर्चुअल अभिमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जनपद के 1300 से अधिक शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।
कार्यशाला में मुख्य शिक्षा अधिकारी कुलदीप गैरोला ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में बुनियादी भाषा एवं संख्या ज्ञान को लेकर सुझाये गए विचारों को रखते हुए कहा कि इस शिक्षा नीति के आलोक में निपुण भारत अभियान पूरे भारतवर्ष में शुरू किया गया है। उन्होंने बताया की जनपद में समग्र शिक्षा, जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान गौचर, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में सौ दिवसीय रीडिंग कैम्पेन चलो चला-सब पढ़ला नाम से शुरू किया गया है। इस अभियान में हम सब को पुरे मनोयोग से कार्य कर इस कार्यक्रम के तय लक्ष्य को प्राप्त करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कार्यक्रम की समीक्षा और प्रत्येक 10 दिन में बच्चों का आकलन किया जायेगा। जिससे योजनाबद्ध तरीके से अभियान के क्रियान्वयन में मदद मिलेगी।
प्राचार्य डायट एके जुकारिया ने कहा कि इस अभियान के लिए जरूरी पठन संसाधन सामग्री डायट के माध्यम से मुहैया करवायी जायेगी। वर्तमान परिस्थिति जब कोविड-19 के कारण सीखने में भारी क्षति हुई है तब इस सन्दर्भ को समझते हुए बच्चों के लिए कार्यपत्रक बनाकर उसपर कार्य करना और लगातार इसका आकलन कर योजना क्रियान्वित करने की जरूरत है। समग्र शिक्षा के जिला समन्वयक सतीश जोशी ने निपुण भारत मिशन की सफल क्रियान्वयन के लिए सभी शिक्षकों एवं उपशिक्षा अधिकारियों का आह्वान करते हुए कहा कि मिशन की सफलता शिक्षकों एवं अधिकारियों के संयुक्त प्रयासों से ही प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि शिक्षक ऑमीक्रान एवं कोविड महामारी जैसी बीमारियों से विद्यालय बन्द होने के बावजूद ऑनलाइन शिक्षण करके विद्यार्थियों का शिक्षण कार्य सफलतापूर्वक करवा रहे हैं। मिशन का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार करने हेतु इसके लोगो (प्रतीक चिन्ह) एवं लक्ष्य को विद्यालय की दीवारों पर प्रदर्शित करने के बारे में शिक्षकों को कहा गया, साथ ही विद्याजलि 20 पोर्टल पर विद्यालय को पंजीकृत कर आवश्यकताओं को अपलोड करने के बारे में शिक्षकों को जानकारी भी दी गयी।
अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के जिला समन्वयक जगमोहन चोपता ने कहा कि वर्तमान के सन्दर्भ में बच्चों के सामाजिक भावनात्मक-शारीरिक कल्याणए विकास पर कार्य करना अतिआवश्यक है साथ ही सीखने की क्षति को पूरा करने और कक्षा अनुरूप सीखने के प्रतिफल की प्राप्ति के लिए पाठ्यचर्या को सही से समझकर प्राथमिकता तय करते हुए काम करने की जरूरत है। कैम्पेन महज 100 दिनी तक का नहीं है बल्कि पढ़ने लिखने की आदत विकसित करने और निपुण भारत अभियान के लक्ष्यों को प्राप्त करने की शुरुआती प्रक्रियाएं है। आगामी माह से सीआरसी एवं बीआरसी बैठकों में इस अभियान के क्रियान्वयन से संबंधित अनुभव, लर्निंग, चुनौतियों को साझा करने और स्कूल की जरूरतों के आधार पर जरूरी सामग्री और योजना तैयार करने के लिये फॉलो-अप सत्र आयोजित किये जायेंगे। इस अभिमुखीकरण कार्यशाला में समय शिक्षा अभियान के जिला शिक्षा अधिकारी दर्शन लाल टमटा, खंड शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार, कैना चैहान, भाष्कर बेबनी, डाइट प्रवक्ता भगत सिंह कण्डवाल, राजेंद्र प्रसाद मैखुरी, बिरेन्द्र कठैत आदि ने अपने विचार रखे।