गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले की बदरीनाथ विधान सभा में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर देखी जा रही है, जबकि इस सीट पर आप, बसपा, सपा, उक्रांद, पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक) के साथ ही निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में हैं। ऐसे में यहां बसपा और पीपीआईडी प्रत्याशी कांग्रेस की मुश्किलें बढा रहे हैं। वहीं आप प्रत्याशी और कर्मचारियों की नाराजगी भाजपा को परेशान कर रही है।
बता दें, चमोली जिले में वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में जहां भाजपा प्रत्याशी महेंद्र भट्ट ने 2,634 मतों के अंतर से दो बार के विधायक रहे राजेंद्र भंडारी को पराजित किया था। जबकि उस समय विधानसभा सीट पर नौ प्रत्याशियों के चुनाव मैदान में होने पर बसपा प्रत्याशी को यहां 1652, निर्दलीय उम्मीदवार अरुणा डंडवासी को 916, लक्ष्मी प्रसाद सती को 335, पूर्व में भाजपा के विधायक रहे केदार सिंह फोनिया के पुत्र विनोद फोनिया को 2370, बाममोर्चे के प्रत्याशी भरत सिंह कुंवर 2380, समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी कीरत सिंह भंडारी 859 तथा यूकेडी के प्रत्याशी देवेंद्र सिंह नेगी 487 मत प्राप्त हुए थे। कांग्रेस जहां दलित मतदाताओं को अपना वोट बैंक मानती है ऐसे में इस बार विधानसभा सीट पर विभिन्न अनुसूचित जाति संगठनों के संयुक्त प्रत्याशी माने जाने वाले पीपीआईडी के पुष्कर बैछवाल और पूर्व में बसपा के उम्मीदवार के तौर पर 1652 मत प्राप्त करने वाले मुकेश कोषवाल के चुनाव मैदान में होने से कांग्रेस की राह आसान नहीं दिख रही है। पहली बार राज्य में चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी भगवती प्रसाद मैंदोली भाजपा की वोटों पर सेंधमारी कर रहे हैं। जबकि वर्ष 2017 में सपा के उम्मीदवार रहे कीरत सिंह के भाजपा में शामिल होने से पार्टी को लाभ होता दिख रहा है।
कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता विकास जुगरान का कहना है कि उनके प्रत्याशी पूर्व काबीना मंत्री राजेंद्र सिंह भंडारी ने अपने कार्यकाल में जो विकास कार्य किये है वह जनता के सामने है और उन्हीं के आधार पर जनता कांग्रेस के साथ मजबूती के साथ खड़ी है। उनका कहना है कि भाजपा के इन पांच वर्षों के कार्यकाल में जनता मंहगाई, बेरोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा की बदहाली देख चुकी है जिससे जनता इस बार भाजपा को सबक सीखाने का मन बना चुकी है।
इधर भाजपा के महामंत्री नवल भट्ट का दावा है कि भाजपा बदरीनाथ विधान सभा में पिछली बार से भी अधिक मतों से जीत हासिल करेगी। भाजपा ने इस विधान सभा में ही नहीं बल्कि चमोली की तीनों विधान सभाओं में विकास के जो कार्य किये है वह कांग्रेस के 60 साल के कार्यकाल में नहीं हुए है। इसलिए जनता उनके साथ है। हालांकि दोनों ही पार्टियां अपनी जीत का दावा तो कर रही है लेकिन जनता किस पर भरोसा जताती है यह तो भविष्य की गर्त में छिपा हुआ है। चुनावी मतदान का ऊंट किस करवट बैठता है। यह तो समय ही बतायेगा।