गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले के दशोली विकास खंड के कुजौं-मैकोट में इन दिनों हो रहे श्रीमद् भागवत के आयोजन के चलते गांव भक्ति के रंग में सराबोर हो गया है। यहां इन दिनों प्रतिदिन पूजा-अनुष्ठान के साथ ही श्रीमद् भागवत कथा प्रवचन का आयोजन किया जा रहा है। अनुष्ठान में प्रतिभाग करने के लिये क्षेत्र के ग्रामीण बड़ी संख्या में कुजौं गांव पहुंच रहे हैं।
सोमवार को आयोजन के दौरान कथा व्यास आचार्य सुरेंद्र प्रसाद कोठियाल ने कथा प्रवचन के दौरान कहा कि धर्म परायण व्यक्ति को अंतःकरण से भी पवित्र होना आवश्यक है तथा अंतःकरण की शुद्धि के लिये व्यक्ति को सतसंग करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सतसंग से जहां व्यक्ति को सद्मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है, वहीं भगवत भक्ति का मार्ग भी प्रशस्त होता है। उन्होंने कहा कि सतसंग न करने के चलते व्यक्ति की मति भ्रमित हो जाती है। जिस प्रकार स्वर्ण का मुकुट धारण करने पर राजा परिक्षित ने तपस्यारत ऋषि के गले में मृत सर्प डाल दिया था। जो राज परिक्षित के पतन का कारण बना। उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति को सतसंग करन जीवन के लक्ष्य प्राप्ति के लिये कार्य करने की बात कही। इस मौके पर मुख्य यजमान रामेश्वरी देवी, आशा नेगी, अशोक सिंह और पंडित लक्ष्मी प्रसाद भट्ट आदि मौजूद थे।