महाविद्यालय के प्राचार्य ने कहा ज्ञापन में नहीं थे हस्ताक्षर इसलिए किया इंकार

गोपेश्वर (चमोली)। एसएफआई चमोली ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महाविद्यालय गोपेश्वर में एक लंबे समय से बन रहे महिला छात्रावास की प्रगति को लेकर जब प्राचार्य को ज्ञापन देने का प्रयास किया गया तो प्राचार्य ने ज्ञापन लेने से इंकार कर दिया। जबकि महाविद्यालय के प्राचार्य का कहना है कि ज्ञापन में हस्ताक्षर नहीं थे इसलिए इंकार किया गया।

एसएफआई के राज्य कमेटी के सदस्य गोविंद का कहना है कि अंतर राष्ट्रीय महिला दिवस पर उनकी ओर से प्राचार्य को एक ज्ञापन देकर मांग की गई कि वर्ष 2004 में महाविद्यालय गोपेश्वर में महिला छात्रावास बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी लेकिन 18 साल की लंबी अवधि गुजर जाने के बाद भी अभी तक छात्रावास का कार्य पूरा नहीं हुआ और जो भवन आधा अधूरा बना है वह खंडर होने की कगार पर है। ऐसे में दूर दराज से महाविद्यालय में अध्ययन के लिए पहुंचने वाले गरीब छात्राओं को आर्थिक परेशानी से दो चार होना पड़ रहा है। लेकिन प्राचार्य ने उनका ज्ञापन लेने से ही इंकार कर दिया जो कि उनके अधिकारों का हनन है।

इधर महाविद्यालय के प्र्रार्चाय प्रो. आरके गुप्ता का कहना है कि हमें ज्ञापन लेने में कोई परेशानी नहीं थी लेकिन ज्ञापन में किसी के भी हस्ताक्षर न होने की दशा में ज्ञापन लेने से इंकार किया गया और ज्ञापन देने वाले छात्र से ज्ञापन में हस्ताक्षर कर लाने के लिए कहा गया है।

वहीं एसएफआई की राज्य कमेटी की सदस्य ज्योति का कहना है कि प्राचार्य का बयान एक हास्यास्पद है जब कोई व्यक्ति ज्ञापन देने जायेगा तो वह उसमें हस्ताक्षर कर के ही ज्ञापन देगा। ऐसे ही एसएफआई के राज्य कमेटी के सदस्य गोविंद अकेले ही प्राचार्य से मिलने गये थे और उनके हस्ताक्षर ज्ञापन में है। तो अब महाविद्यालय प्रशासन किसके हस्ताक्षर करने की बात कर रहा है।

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