जोशीमठ (चमोली)। सरकार की ओर से भले ही किसानों की आय बढाने और कृषि विकास के बड़े-बड़े दावे किये जा रहे हैं। लेकिन चमोली में सरकारी दावे परवान नहीं चढ़ पा रहे हैं। जिसकी जमीनी हकीकत जोशीमठ में प्रस्तावित कृषि विज्ञान केंद्र बयां कर रहा है। यहां शिलान्यास के पांच वर्ष बाद भी केंद्र जमीन पर नहीं उतर पाया है।

 

वर्ष 2013 में भाजपा के प्रभारी रहते हुए जब राधामोहन सिंह जोशीमठ में एक कार्यक्रम में प्रतिभाग करने पहुंचे थे। इस दौरान यहां स्थानीय लोगों ने जोशीमठ क्षेत्र में स्थित कोटी और परसारी फार्म की दयनीय स्थिति में सुधार की मांग की थी। जिस पर 13 मई 2017 में तत्कालीन कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने बदरीनाथ धाम में कृषि विज्ञान केंद्र जोशीमठ का शिलान्यास किया था, वहीं केंद्र की स्थापना और विकास का जिम्मा कृषि विश्व विद्यायल पंतनगर के प्रसार विभाग को सौंपा गया। लेकिन पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी यहां कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना को लेकर जमीनी कार्य शुरु नहीं हो सके हैं। ऐेस में सरकार के कृषि विकास और काश्तकारों की आय दोगुनी करने के प्रयास सरकारी मशीनरी की लापरवाही की भेंट चढ रहे हैं।

 

जोशीमठ में प्रस्तावित कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना के लिये सरकार के निर्देश पर विभाग की परसारी फार्म में मौजूद पांच हेक्टेयर भूमि का हस्तांतरण कृषि विवि पंतनगर को वर्ष 2021 के जनवरी माह में कर दिया गया है। केंद्र का निर्माण कार्य विवि के प्रसार विभाग की ओर से किया जाना है।

तेजपाल सिंह, जिला उद्यान अधिकारी, चमोली।

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