गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले के बाजपुर में स्थानीय काश्तकार जयंती देवी फूलों की खेती के लिये काश्तकारों को प्रोत्साहित कर रही हैं। अक्टूबर माह में उद्यान विभाग की मदद से जयंती ने फूलों की खेती शुरु कर बाजार में सीमित मांग के बावजूद दिसम्बर माह में 10 हजार की आय अर्जित कर ली है। जिससे जयंती देवी के साथ ही गांव के अन्य काश्तकार भी फूलों की खेती को लेकर उत्साहित हैं।

बता दें कि उद्यान विभाग की ओर से प्रात्साहित किये जाने के बाद बाजपुर निवासी जयंती देवी ने अपने पति बचन सिंह सयाना के साथ मिलकर गांव में गेंदे के फूलों की खेती शुरु की। यहां उन्होंने अपनी पांच नाली नाप भूमि पर गेंदे के पौध लगाकर काम शुरु किया। जिसके बाद करीब डेढ माह में उन्होंने करीब डेढ कुंतल फूलों की पहली उपज का विपणन 60 रुपये किलो के हिसाब से किया। जिससे उन्हें 10 हजार रुपये की आय प्राप्त हुई है। जयंती देवी ने बताया कि पूर्व में फूलों की खेती से आर्थिक लाभ को लेकर शंका थी। लेकिन विभागीय अधिकारियों के सहयोग से उन्हें उपज का विपणन भी सुगमता से हो रहा है। कहा कि लॉकडाउन के चलते बाजार में फूलों की मांग कम है, अन्यथा सीजन के मौके पर गेंदा 120 रुपये किलो तक भी बिकता है। जिससे साफ है कि यदि योजनाबद्ध तरीके से काश्तकार फूलां की खेती करते हैं तो यह काश्तकारों के लिये लाभप्रद हो सकता है। वहीं जयंती देवी की ओर फूलों की खेती में गांव की अन्य तीन महिलाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

क्या कहते है अधिकारी

चमोली की जलवायु में गेंदे को उत्पादन अच्छा हो सकता है। यहां शीतकाल में भी गेंदे की अच्छी उपज हो सकती है। जबकि मैदानी क्षेत्रों में अधिक नमी के चलते शीतकाल में गेंदे का उत्पादन पालीहाउस में किया जाता है। ऐसे में काश्तकार यहां गेंदे के फूलों का बेहतर उत्पादन कर अपनी आर्थिकी को मजबूत कर सकते हैं।

तेजपाल सिंह, जिला उद्यान अधिकारी, चमोली।

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