गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले में कृषि विभाग की ओर से संचालित योजनाओं का संचालन विभागीय अधिकारियों के लिये चुनौती बना हुआ है। यहां जिले में जहां विभाग में 87 के सापेक्ष 60 कर्मचारी कार्यरत हैं। वहीं काश्तकारों को तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराने वाले सहायक कृषि अधिकारी के तीन वर्गों के 45 पद रिक्त पड़े हुए हैं। ऐसे में जिले में विभागीय योजनाओं के संचालन को लेकर सरकारी मशीनरी की संवेदनशीलता का सहज ही अंदाजा लगया जा सकता है।

चमोली जिले में काश्तकारों की सुविधा और उन्हें तकनीकी जानकारी देने के लिये कृषि विभाग में सहायक कृषि अधिकारी के 71 पद स्वीकृत किये गये हैं। लेकिन स्वीकृत पदों के सापेक्ष यहां महज 26 सहायक कृषि अधिकारियों की तैनाती की गई है। वहीं जिले में मुख्य कृषि अधिकारी पद पर भी कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी को अतिरिक्त प्रभार देकर विभागीय कार्यों का संचालन किया जा रहा है। बता दें कि चमोली में कृषि के उन्नयन की मंशा से कृषि विभाग में सहायक कृषि अधिकारी वर्ग-1 के स्वीकृत 16 पदों के सापेक्ष 10 पद, वर्ग-2 के 25 स्वीकृत पदों के 19 तथा वर्ग-3 के स्वीकृत 30 पदों के सापेक्ष 16 पद रिक्त पड़े हुए हैं। ऐसे में जिले में एक सहायक कृषि अधिकारी को 180 ग्राम पंचायतों का जिम्मा सौंपा गया है। जिससे सरकार की ओर से काश्तकारों के लिये संचालित योजनाओं का लाभ समय से नहीं मिल पा रही हैं।

क्या कहते है अधिकारी

जिले में रिक्त पड़े तकनीकी व अन्य कर्मचारियों के रिक्त पदों की जानकारी उच्चाधिकारियों को लगातार दी जा रही है। कर्मचारियों की तैनाती शासन स्तर से की जानी है। सहायक कृषि अधिकारियों के पदों के रिक्त पड़े होने से योजनाओं का लाभ लेने में काश्तकारों को खासी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं।

डा. जीतेंद्र भाष्कर, अपर कृषि अधिकारी, चमोली।

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