गोपेश्वर (चमोली)। उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य विनोद कपरवाण ने मंगलवार को चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर थाने में स्थित बाल मित्र थाने का भौतिक सत्यापन और निरीक्षण किया। 

बता दें कि सरकार की ओर से उत्तराखंड के सभी जिलों में बाल मित्र थानों की स्थापना की गई है। जिसके लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री की ओर से एक-एक लाख रुपये दिए गये है।  जिससे इन बाल मित्र थानें में बच्चों के लिए आवश्यक सामग्री बोर्ड, कम्प्यूटर टेबल, कम्प्यूटर चियर, फ्लोर कार्पेट, कम्प्यूटर विद वैबकैम आॅडियो रिकार्डिंग के साथ, वाटर प्यूरिफायर, पंखा, सैनेटाइजर स्टैंड, प्रिंटर, खिलौने आदि रखे जाने के निर्देश संबंधित जनपदों के पुलिस अधीक्षकों को दिये गये थे। जिसका निरीक्षण किया गया। सदस्य विनोद कपरूवाण ने कहा कि पहाड़ के बच्चों के उचित देखरेख एवं संरक्षण के लिए जनपद में पुलिस की भूमिका अहम है। जिसके क्रम में बाल मित्र थाना सरकार की एक अनूठी पहल है। बच्चों में बढ रही नशे की प्रवृत्ति, अपराध आदि अनैतिक गतिविधियों को रोकने के लिए जनपद में बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति एवं किषोर न्याय बोर्ड का गठन किया गया है। पुलिस मंे भी बच्चों के उचित देखरेख एवं संरक्षण हेतु जनपद में विषेश किशोर पुलिस इकाई का भी गठन किया गया है। यदि किसी बच्चे को देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता है तो कोई भी व्यक्ति जनपद में संचालित बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, बाल मित्र थाने अथवा विषेश किशोर पुलिस इकाई को इसकी सूचना दे सकता है।

इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्वेता चैबे ने सरकार की मंशा के अनुसार गोपेश्वर थाने को एक आदर्श बाल मित्र थाना बानाये जाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि समाज में बच्चों के प्रति बढ़ रहे अपराधों के रोकथाम के लिए बाल मित्र थाना एक अनूठी पहल है। जिसका लाभ समाज को अवश्य ही प्राप्त होगा।

पुलिस उपाधीक्षक चमोली डीएस तोमर ने कहा कि वर्तमान में बच्चों के प्रति बढ रहे अपरोधों को रोकने में बाल मित्र थाना पुलिस के लिए अहम भूमिका निभाने में सहायक होगा। साथ ही कहा कि अभिभावकों एवं समाज के जागरूक नागरिकों को भी बच्चों के प्रति बढ़ रहे अपरोधों को रोकने के लिए जागरूक होना होगा। थाने के प्रभारी निरीक्षण राजेन्द्र सिंह रौतेला ने कहा कि जनपद में बच्चों की समुचित सुरक्षा एवं देखरेख के लिए संचालित बाल मित्र थाने का उपयोग जनपद के किसी भी नागरिक की ओर से किया जा सकता है। जिसमें पुलिस की ओर से चैबीस घंटे सहयोग किया जायेगा। जिला बाल संरक्षण इकाई के अनिल नेगी ने कहा कि जनपद में विगत 2014 से बच्चों के उचित देखरेख एवं संरक्षण के लिए जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति एवं किशोर न्याय बोर्ड का गठन किया गया है। यदि किसी बच्चे को उचित देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता है तो ऐसे बच्चों की सूचना जनपद में गठित कार्यालय जिला प्रोबेशन अधिकारी की जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति को दी जा सकती है।  इस अवसर पर उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य विनोद कपरवाण, पुलिस अधीक्षक चमोली श्वेता चैबे, पुलिस उपाधीक्षक चमोली धन सिंह तोमर, थाना गोपेश्वर के प्रभारी निरीक्षक राजेन्द्र सिंह रौतेला, जिला बाल संरक्षण इकाई के अनिल नेगी उपस्थित थे।

 

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