गोपेश्वर (चमोली)। साइबर क्राइम करने वाले इतने शातिर हो गये है कि पुलिस जब साइबर क्राइम के एक पहलु पर काम कर रही होती है तो तब तक ठग दूसरा तरिका अपना कर लोगों रुपये का ठग चुका होता है। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है जहां बदरीनाथ धाम में होटलों की बुकिंग के नाम पर एक ठग ने एक माह के भीतर देश के अलग-अलग कौनों के श्रद्धालुओं से तीस लाख से अधिक की ठगी की है। जिसे चमोली पुलिस ने राजस्थान से गिरफ्तार किया है।
मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए पुलिस अधीक्षक चमोली श्वेता चैबे ने बताया कि 26 मई को अंबरनाथ थाणे के मोहिंदर सिंह ने थाना बदरीनाथ में तहरीर दी कि 18 मई को बदरीनाथ धाम में 26 मई के लिए आॅन लाइन होटल बुकिंग की थी। लेकिन जब वे बदरीनाथ धाम के उस होटल में पहुंचे तो होटल मैनेजर ने उनके नाम से किसी प्रकार का कमरा बुकिंग न होने की बात कही। जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर इसकी छानबीन के लिए टीम का गठन किया गया। और फोन नम्बर और खाता संख्या के आधार पर जब जांच शुरू की गई। साइबर अपराध तकनीकी से फर्जी आईडी और खाता बागपत निवासी अंजलि के नाम फर्जी तौर से खोला गया था। और इसको राधानगरी भरत पूर राजस्थान निवासी हकमुद्दीन 22 वर्ष की ओर से संचालित किया जा रहा था। जिस पर चमोली पुलिस ने राजस्थान पहुंच कर अभियुक्त को भरत पूर से गिरफ्तार चमोली लाया गया है।
अभियुक्त ने पूछताछ में बताया कि पहले वह ओएलएक्स पर फ्रॉड करता था किन्तु लोग जागरुक हो गये तो तब उसने होटल बुकिंग के नाम पर फ्राॅड का काम शुरू किया। खासकर जो भी धर्म स्थल हैं उन धर्मस्थलों के होटल को पहले सर्च कर फर्जी अपने नंबर के साथ उन होटलों के नाम फीड कर जब भी कोई होटल बुकिंग की कॉल आती है तो उन कॉल को रिसीव कर अंजली नाम के फर्जी अकाउंट में धोखाधड़ी के पैंसे डलवाता था और उसके बाद मोबाइल के माध्यम से उन्हें अन्य खातों में भेज देता था। एक सिम एवं एक मोबाइल को एक या दो बार ही प्रयोग लाया जाता था और फिर सिम या मोबाइल को बेच या फेंक दिया करते है। इस तरह से एक माह के भीतर वह देश के अलग-अलग स्थानों के लोगों से होटल बुकिंग के नाम पर तीस लाख से अधिक की ठगी कर चुका है।
विगत माह भी चमोली पुलिस द्वारा देशभर में हेलीकॉप्टर बुकिंग के नाम पर फ्रॉड करने वाले अभियुक्त को नवादा(बिहार) से गिरफ्तार किया था।
एसपी ने बताया कि बैंक ट्रांजेक्शन डिटेल के आधार पर चमोली पुलिस की ओर से होटल बुकिंग फ्रॉड का शिकार हुए अन्य लोगों से संपर्क किया जा रहा है। साथ ही इसके अन्य सार्थियों की गिरफ्तारी की कार्रवाई गतिमान है। उन्होंने बताया कि इस घटना का खुलासा करने वाली टीम में वरिष्ठ उपनिरीक्षक संजीव चैहान, सिपाही आशुतोष तिवारी, विपिन रावत, राजेंद्र सिंह रावत आदि शामिल थे। जिन्हें ढाई हजार रुपये की नगद ईनाम की भी घोषणा की गई है।