प्रत्येक साल जनवरी के तीसरे रविवार को मनाया जाता है वर्ल्ड स्नो डे
देवाल/जोशीमठ (चमोली)। ट्रैकिंग के शौकीनों नें न्यू टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में अपनी पहचान बना रहा मोनाल ट्रैक व हिमक्रीडा स्थली औली में वल्र्ड स्नो डे मनाया। औली में बर्फ न होने के कारण पर्यटन विभाग ने कृतिम बर्फ बनाकर स्नो डे मनाया।
देवाल ब्लाॅक के वाण गांव से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ये खूबसूरत ट्रैक। पिछले साल अक्टूबर माह में वाण गांव के दो ट्रैकर देवेन्द्र बिष्ट और हीरा सिंह गढ़वाली नें इस बेहद खूबसूरत और गुमनाम मोनाल ट्रैक को खोज निकाला था। इस पूरे ट्रैक पर हिमालय को करीब से देखने का मौका मिलता है। नये साल में 10 ग्रुप यहां पहुंच चुके हैं। बैंगलोर, गुजरात, मध्य प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों से यहां पहुंचे थे।
हिमालय में मौजूद प्रकृति की अनमोल नेमत है मोनाल ट्रैक
हिमालय के कौने-कौने की खाक छानने वाले पर्यटकों के लिए मोनाल ट्रैक किसी रहस्य और रोमांच से कम नहीं हैं। यहां आकर ऐसा लगता है कि धरती पर अगर कहीं जन्नत है तो वो यहीं हैं। चारों ओर जहां भी नजर दौडाओ हिमालय की केदारनाथ, चैखंभा, नंदा देवी, हाथी घोडा पर्वत, त्रिशूल सहित गगनचुम्बी हिमाच्छादित चोटियों और मखमली घास के बुग्याल के दीदार होते हैं। लगभग साढे बारह हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित मोनाल ट्रैक मन को आनंदित कर देता है। यहां से रामणी के बालपाटा, नरेला बुग्याल नजर आता है तो दूसरी तरफ ओर कैल और पिंडर घाटी भी दिखायी देती है। वहीं मखमली घास के बुग्याल वेदनी और आली बुग्याल के भी दीदार होते है। इस रूट पर कई स्थानों पर राज्य पक्षी मोनालों का झुंड आपको विचरण करता हुआ दिखाई देगा। देवाल ब्लाॅक के वाण गांव निवासी और रूपकुण्ड टूरिज्म के सीईओ देवेन्द्र सिंह बिष्ट कहते हैं कि यहां मोनालों की प्रचुरता की वजह से ही स्थानीय लोग इसे मुन्याव ट्रैक यानि की मोनाल ट्रैक कहते हैं। वे कहते हैं कि इस ट्रैक पर आपको हिमालय के सदूरवर्ती गांव, बुग्यालों, ताल, पेड़ों, जंगली जानवरों, पक्षियों और पहाड़ की संस्कृति के दीदार होतें हैं। यहां से हिमालय की कई पर्वत श्रेणी और मखमली बुग्यालों को देखा जा सकता है। यहां राज्य बृक्ष बुरांस, राज्य पक्षी मोनाल, राज्य पशु कस्तूरी मृग भी देखने को मिलतें हैं। इसके अलावा हजारों प्रकार के फूल और वनस्पति भी रोमांचित कर देती है। इस ट्रैक को वन्य जीव टूरिज्म के रूप में भी विकसित किया जा सकता है।
क्या कहते है प्रकृति प्रेमी
गढभूमि एडवेंचर के सीईओ हीरा सिंह गढ़वाली कहते हैं कि मोनाल ट्रैक प्रकृति का अनमोल खजाना है। लेकिन तमाम खूबियों के बाद भी मोनाल ट्रैक वर्तमान तक भी देश दुनिया के पर्यटकों की नजरों से ओझल है। सरकार और पर्यटन विभाग को चाहिए की मोनाल ट्रैक को पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई जानी चाहिए ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा साथ ही स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।