गोपेश्वर (चमोली)। यूपीसीएल की ओर से राज्य में राजस्व वसूली और बिजली चोरी को रोकने के लिये जहां जितना राजस्व-उतना वेतन प्रणाली लागू कर दी है। वहीं चमोली में इस नियम से ऊर्जा निगम के अधिकारियों की दिक्कतें बढ गई हैं। यहां विभागीय अधिकारियों द्वारा बकायादारों की सूची तैयार की जा रही है। जिसमें सरकारी विभाग, अर्द्धशासकीय कार्यालय और नगर पालिका व पंचायतें बड़े बकायेदारों के रुप में सामने आ रही हैं। जिनसे बकाया वसूली अधिकारियों के लिये चुनौती बना हुआ है।
बता दें कि यूपीसीएल की ओर से निगम को हो रहे राजस्व के नुकसान और लाइनलॉस को कम करने के लिये निगम के एडीएम की ओर से जितना राजस्व-उतना वेतन प्रणाली लागू की गई है। जिसके तहत राजस्व वसूली न होने और बिजली चोरी पर रोक न लगने पर विभागीय अधिकारियों के वेतन में कटौती करने का प्रावधान किया गया है। जिसके तहत अब चमोली में ऊर्जा निगम की ओर से बड़े बकायादारों की सूची तैयार की जा रही है। ऐसे में जिले में पहले ही चरण में जिले में जहां गढवाल मंडल विकास निगम पर ३ करोड़ के बिल बकाया सामने आये हैं। वहीं जिले में स्वास्थ्य, शिक्षा, पुलिस, लोनिवि, वन विभाग जैसे विभागों पर भी बड़े पैमाने पर बिल बकाया हैं। लेकिन विभागीय अधिकारियों से बिलों के भुगतान को लेकर पत्राचार किये जाने पर बिल भुगतान न कर पाने के लिये बजट की कमी का रोना रो रहे हैं। ऐसे में राजस्व वसूल बढाने के लिये यूपीसीएल की ओर से लागू फार्मूले को लेकर विभागीय अधिकारियों में उहापोह की स्थिति बनी हुई है।
चमोली जिले में बकायेदारों की सूची तैयार की जा रही है। जिले में विभागीय बकाया बिलों के भुगतान के लिये लगातार पत्राचार किया जा रहा है। लेकिन विभागों की ओर से खपत के हिसाब से बिलों के भुगतान के लिये बजट की कमी की बात कही जा रही है। जिससे बिलों की वसूली को लेकर दिक्कतें आ रही हैं।
कैलाश कुमार, अधिशासी अभियंता, ऊर्जा निगम, गोपेश्वर-चमोली।