पीपलकोटी (चमोली)। श्री केदार बद्री मानव श्रम समिति रूद्रप्रयाग के तत्वाधान में पीपलकोटी में पतंजलि महिला रामलीला के चतुर्थ दिवस की रामलीला में राम के वनवास का दृश्य का मंचन किया गया। पुत्र से बिछडने के कारण राजा दशरथ ने अपने प्राण त्यागे उसके बाद राम भरत मिलाप के दृश्य को देख दर्शक भाव विभोर हो गये।
चतुर्थ दिवस की लीला मे सबसे पहले राम, लक्ष्मण सीता को वन छोडकर सुमन्त आयोध्या पहुंचते हैं, राजा दशरथ सुमन्त के साथ राम को नहीं देखते हैं तो अपने पुत्र वियोग में वे अपने प्राणों को त्याग देते हैं, उसके बाद भरत अपने ननिहाल से राम के राज्याभिषेक के लिए आयोध्या पहुंचते हैं तो आयोध्या का माहौल सुनसान देख वे सुमन्त से पूछते हैं कि ये राज्याभिषेक की जगह सूनसान क्यों छायी हुयी है तो सुमन्त की ओर से इस दुखद घटना की जानकारी भरत को दी जाती है तो भरत अपना पूरा राज्य छोडकर तुरन्त अपने भाई राम से मिलने वन पहुंच जाते हैं। भरत भी राम के साथ वन में रहने की जिद करते हैं जिस पर राम उन्हें समझा कर वापस अयोध्या भेज देते हैं। राम की भूमिका में राजेश्वरी पंवार, लक्ष्मण बीरा फरस्वाण, सीता आरती गुसाई, सुमन्त लक्ष्मी साह, दशरथ लक्ष्मी रावत, भरत लीला संगोला, शत्रुघन पुष्पा रावत, कौशल्या मीना राणा, कैकयी कल्पेश्वरी बिष्ट, मन्थरा परमेश्वरी बिष्ट, दशरथ लक्ष्मी रावत, केवटी सुनीता साह, केवट की भूमिका लक्ष्मी शाह थे। इस अवसर पर बण्ड अध्यक्ष शम्भू प्रसाद सती, पूर्व अध्यक्ष अतुल शाह, पूर्व महामंत्री हरीश पुरोहित, पूर्व महामंत्री विजय मलासी, प्रदेश शिक्षक संघ के अध्यक्ष कमल किशोर डिमरी, पूर्व क्षेपंस सदस्य बाटुला सुनील कोठियाल, पूर्व जिला पंचायत सदस्य देवेन्द्र नेगी आदि मौजूद थे।