जोशीमठ (चमोली)। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पलदुडा पुल के पास अलकनंदा नदी के छोर पर पिछले तीन दिनो से एक हिरन (थार) फंसा हुआ है। जो कि चट्टान से घिरने के बाद घायल अवस्था में देखा जा रहा। वही वन विभाग कि टीम पिछले तीन दिनो से घायल मृग पर लगातार नज़रें बनायी हुयी है।
वन क्षेत्राधिकारी गोविंदघाट बृजमोहन भारती का कहना हे कि विगत तीन दिन पूर्व एक जंगली मृग चट्टान से घिरने के कारण घायल अवस्था में टापू में फंसा हुआ है, हालांकि घायल मृग जिस टापू पर फंसा हुआ है। टापू के एक तरफ़ चट्टान व दूसरी ओर अलकनंदा नदी बह रही है। जिससे वह अपने नेचुरल हेबिट जोन में मानवीय भय से भी पूरी तरह सुरक्षित है। साथ ही उसके लिए टापू पर भोजन के लिए घास, पानी पर्याप्त मात्रा में मौजूद है। उन्होंने बताया कि अगर मृग चलने फिरने में असमर्थ होता तो उसे वन विभाग की ओर से रेस्क्यो कर उपचार किया जाता, लेकिन चलने फिरने की स्थिति को देखते हुए यदि हिरन का रेस्क्यो करने का प्रयास किया जाता है तो वह डर कर नदी में कूद सकता है। इसलिए उस पर निगरानी रखी जा रही है। ताकि उसे किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचे।