हरिद्वार। दशनामी के सात अखाड़ों में से एक अखाड़ा तीन बीबी व कई बच्चों के पिता को आचार्य महामण्डलेश्वर बनाने जा रहा है। जिसके बाद से अब आचार्य पीठ पर पति, पत्नी और वो भी विराजमान होने लगेंगे। इसके लिए सौदा पूरा हो चुका है। जिसकी पेशगी दी जा चुकी है। कभी भी तीन बीबी वाले का पट्टाभिषेक हो सकता है।
बता दें कि तीन अखाड़ों को अचार्य महामण्डलेश्वर पद के लिए योग्य संत की तलाश थी। योग्य ज्ञान में नहीं धन में होना आवश्यक था, जिसके लिए खोजबीन जारी थी। अब तीन अखाड़ों में से एक को आचार्य महाण्डलेश्वर के लिए अति योग्य व्यक्ति मिल चुका है। सूत्र बताते हैं कि जो योग्य व्यक्ति मिला है वह तीन बीबियों का पति है। एक बीबी उसकी हरिद्वार में निवास करती थी, दूसरी बिहार प्रदेश में और तीसरी जो प्राइवेट है वह साथ में अभी भी रहती है। सूत्र बताते हैं कि आचार्य बनने वाले व्यक्ति के कई बच्चे भी हैं।
इतना ही नहीं जिस अखाड़े का तीन बीबियों वाला बाबा आचार्य बनने जा रहा है, उस अखाड़े के कई पदाधिकारियों ने पूर्व में कई संतों को घेरने की कोशिश की थी, जिसमें एक संत से मुम्बई मंे हुई बैठक में चार करोड़ रुपये मांगे गए थे। साथ ही हरिद्वार में एक आचार्य पीठ और भण्डारे आदि के लिए एक करोड़ रुपये अतिरिक्त मांगे थे।
उस बैठक का उसी अखाड़े के एक संत द्वारा वीडियो बना लेने के बाद अखाड़े के पदाधिकारी गिडगिड़ाने लगे थे और भविष्य में आचार्य के लिए खरीद-फरोख्त ना करने की कसम भी खाई थी, किन्तु धन की मृग तृष्णा में डूबे कथित भगवाधारियों की पैसे की प्यास नहीं बुझी और उन्होंने आचार्य बनने के लिए मोटी रकम देने वाले व्यक्ति की तलाश जारी रखी। अब उन्हें उनके योग्य व्यक्ति मिल चुका है, जिसकी तीन बीबियां हैं और कई बच्चे घूम रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक आचार्य बनने वाले व्यक्ति से अखाड़े के पदाधिकारियों से एक दूसरे अखाड़े के संत ने सौदा कराया। इतना ही नहीं कुछ रकम बतौर उधार उसने भी दी। पेशगी के तौर पर आचार्य बनने वाले भगवाधारी से 21 लाख रुपये दिलाये गए। जिसमें से अखाड़े के 18 पदाधिकारियों को एक-एक लाख दक्षिणा दी जा चुकी है। शेष 79 लाख रुपये आचार्य पद पर पट्टाभिषेक होने के दिन दिए जाने तय हुए हैं। शेष 5 करोड़ की रकम एक निश्चित समय के अंदर दी जानी तय हुई है। सूत्र बताते हैं कि सौदा कराने वाले संत को भी इसमें कमिशन बतौर मोटी दक्षिणा के रूप में दिया जाना तय हुआ है। वहीं निश्चित समय में शेष रकम ना दिए जाने पर आचार्य पद से हटाया जाना भी तय हुआ है।
सूत्रों के मुताबिक शीघ्र ही तीन बीबियों का पति आचार्य बन सकता है। जिसके बाद से संन्यासियों की सनातन परम्परा में और चार चांद लगने वाले हैं।