गौचर (चमोली)। चमोली जिले के गौचर में शुक्रवार को रेलवे संघर्ष समिति गौचर-रानों की ओर से रेलवे के निर्माण कार्य से प्रभावितों परिवारों के सदस्यों को रोजगार दिये जाने की मांग को लेकर रेलवे की निर्मात्री कंपनी डीबीएल के परियोजना प्रबंधक की शव यात्रा निकाल कर उसका अलकनंदा नदी के तट पर सांकेतिक दाह संस्कार किया।
संघर्ष समिति के अध्यक्ष गजेंद्र नयाल ने कहा कि एक लंबे समय से गौचर-रानौ के रेवले से प्रभावित ग्रामीण रेवले में रोजगार की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे है लेकिन उनकी मांग पर कोई गौर नहीं किया जा रहा है। जबकि पूर्व में जब रेलवे के लिए ग्रामीणों से भूमि ली गई थी तो उस समय वादा किया गया था कि प्रभावित परिवारों के सदस्यों को रोजगार मुहैया करवाया जाएगा। लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कार्य नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक की उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती है।
शुक्रवार आंदोलन को समर्थन देने के लिए पूर्व काबीना मंत्री राजेंद्र सिंह भंडारी व जिला पंचायत चमोली की अध्यक्ष रजनी भंडारी भी गौचर पहुंची थी। उन्होंने भी कंपनी के अधिकारियों से वार्ता कर जानकारी मांगी कि अब तक कितने स्थानीय लोगों को रेवले ने रोजगार मुहैया करवाया है लेकिन इस पर कंपनी के अधिकारी कोई जानकारी नहीं दे जाये जिससे लोगों में भारी रोष व्याप्त है। इस अवसर पर रेलवे संघर्ष समिति के अध्यक्ष गजेंद्र नयाल, बीरेंद्र भंडारी, सुनील कुमार, दलबीर सिंह कनवासी, सभासद अनिल नेगी, प्रधान रानों चंदन भंडारी, देवराज, सुनील चमोला, धीरेंद्र सिंह चैधरी आदि मौजूद थे।