- -पुलिस प्रशासन की कार्य शैली पर लगाये प्रश्न चिह्न
- -आरोपः जिला मुख्यालय आधा दर्जन से अधिक आपराधिक मामलों को सुलझाने में चमोली पुलिस रही नाकामयाब
गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिला मुख्यालय के निकटवर्ती गांव पपडियाणा के विकास पंवार की मौत की गुत्थी सुलझाने में दो सप्ताह बाद भी पुलिस के नाकामयाब रहने पर स्थानीय लोगों ने रोष व्यक्त करते हुए शनिवार को जिला मुख्यालय की सड़कों पर प्रदर्शन कर पुलिस और प्रशासन के विरोध में जमकर नारे बाजी की। पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया कि चमोली जिला मुख्यालय पर आधा दर्जन से अधिक आपराधिक मामले घटित हो चुके है पुलिस वर्तमान समय तक मामलों को नहीं सुलझा पायी है।
बता दें कि बीते 25 अक्टूबर को गोपेश्वर-मंडल मोटर मार्ग पर हरियाली नामक स्थान के पास वीरगंगा में पपडियाणा गांव निवासी विकास पंवार को संदिग्ध परिस्थितियों में शव मिला था। जिस पर परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए पुलिस को तहरीर भी दी थी। जिसके बाद पुलिस ने मामले में छानबीन शुरू कर दी थी लेकिन दो सप्ताह का समय गुजर जाने के बाद भी अभी तक विकास की मौत की गुत्थी न सुलझ पाने के कारण स्थानीय लोगों में भारी रोष व्याप्त है। शुक्रवार को विकास की मौत की गुत्थी सुलझाने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर पुलिस व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। विकास के पिता हरेंद्र सिंह पंवार को कहना है कि दो सप्ताह का समय बीत गया है लेकिन अभी तक मामले में पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। जिससे उन्हें पुलिस से भरोसा उठता जा रहा है। वहीं स्थानीय निवासी प्रदीप बिष्ट, योगेंद्र बिष्ट, अमित मिश्रा, विपिन कंडारी, सूर्यप्रकाश पुरोहित आदि का कहना है कि जिला मुख्यालय पर आधा दर्जन से अधिक आपराधिक घटनाऐं घटित हो चुकी है लेकिन पुलिस अभी तक एक भी मामले का खुलासा करने में कामयाब नहीं हो पायी है। जिससे पुलिस की कार्यशैली पर भी प्रश्न लग रहे है। मृतक विकास के परिजनों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है तो जल्द की बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा।
इधर थानाध्यक्ष गोपेश्वर रविंद्र सिंह नेगी का कहना है कि मामले में छानबीन चल रही है। पुलिस मामले को सुझाने में पूरी तरह से जुटी हुई है। जल्द ही मामले को निपटा दिया जाएगा। तब तक सभी को धैर्य रखने की आवश्यकता है।
ग्रामीण महिलाओं की पुलिस से हुई तीखी नौकझोंक
विकास की हत्या की गुत्थी अनसुलझी रहने को लेकर जब ग्रामीण डीएम से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग को लेकर डीएम कार्यालय पहुंची तो डीएम बिना ग्रामीणों से मिले ही वाहन में सवार होकर वहां से चली गई। इसी बीच ग्रामीणों को जब पुलिस आंदोलनकारियों को डीएम कार्यालय परिसर से बाहर खदेडने लगी तो महिलाओं के साथ पुलिस की तीखी नौकझोंक भी हुई। वहीं पुलिस उपाधीक्षक आरके चमोली के रवैये को लेकर भी आंदोलनकारियों में खासा गुस्सा दिखा। पुलिस उपाधीक्षक महिलाओं के साथ जिस लहजे में बात कर रहे थे वह सभी को अचंभित कर देने वाला था।