गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले के जोशीमठ विकास खंड में एनटीपीसी के निर्माणाधीन पावर प्रोजेक्ट में कार्यरत एचसीसी में तैनात श्रमिकों को बिना नोटिस दिये हटाये जाने के विरोध में शुक्रवार को हटाये गये श्रमिकों और उनके परिजनों ने विरोध प्रदर्शन कर उप जिलाधिकारी जोशीमठ के माध्यम से एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेज कर श्रमिकों की बहाली की मांग उठायी है।

एचसीसी से हटाये गये श्रमिक बलवंत सिंह, नीरज सिंह, अनूप सिंह का कहना है कि जनवरी 2023 में जोशीमठ में हुई भूधसाव की आपदा के बाद परियोजना का कार्य रोक दिया गया था। बाद में न्यायालय की ओर से इस रोक को जारी रखा गया। इसमें श्रमिकों का कोई दोष न होने के बावजूद कंपनी ने कार्य नहीं तो वेतन नहीं, के तहत  वेतन बन्द कर दिया। जबकि इसी परियोजना पर कार्य कर रही रितिक कम्पनी के श्रमिकों को वेतन मिलता रहा। साल भर बाद जब कम्पनी ने रख रखाव के नाम पर कार्य पुनः शुरू किया तो स्थानीय श्रमिकों की उपेक्षा करनी शुरू कर दी। कम्पनी की ओर से बगैर अनुमति के विस्फोटकों के इस्तेमाल पर आपत्ति करने के कारण स्थानीय श्रमिकों को बगैर समय बद्ध नोटिस के रातों रात निकाल दिया गया। श्रमिकों का वाजिब वेतन भत्ता भी नहीं दिया गया। अब कम्पनी ने स्थानीय बेरोजगार के स्थान पर अन्य भर्तियां की जा रही हैं। जिसमें स्थानीय प्रभावितों की उपेक्षा की जा रही है। उनका कहना है कि पूर्व में उनकी ओर से लगातार पत्राचार किया जा रहा है लेकिन उनकी मांग पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसे में प्रभावित परिवारों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शन के माध्यम से सरकार से मांग की गई कि हटाये गये श्रमिकों को बहाल किया जाए अन्यथा उन्हें एनटीपीसी के कार्य को रोकने के लिए विवश होना पड़ेगा। इस मौके पर नीरज सिंह, बलवंत सिंह, अनूप सिंह, मनवर सिंह, मनोज लाल, समर भंडारी, राजेंद्र खनेडा, जयंती देवी, सुलोचना देवी के साथ ही आंदोलन के समर्थन में भाकपा माले के गढ़वाल सचिव अतुल सती भी मौजूद थे।

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