गोपेश्वर (चमोली)। जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना की अध्यक्षता में शुक्रवार को जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक हुई। जिसमें गंगा नदी की सभी प्रमुख सहायक नदियों के पुनरुद्धार, संरक्षण, मरम्मत और पुनर्वास के लिए विभिन्न विभागों के माध्यम से संचालित कार्यों की समीक्षा की गई।

जिलाधिकारी ने नमामि गंगे की ओर से जोशीमठ और कर्णप्रयाग में नवनिर्मित चारों एसटीपी का संयुक्त निरीक्षण करते हुए तत्काल जल संस्थान को हैंडओवर करने के निर्देश दिए। साथ ही औद्योगिक संस्थान कालेश्वर में एसटीपी संचालन न किए जाने पर एसडीएम को नियमानुसार कार्रवाई करने को कहा। पर्यटन एवं यात्रा व्यवसाय से जुड़े होटल जिसमें 20 से अधिक कक्ष है, उनमें एसटीपी प्लांट लगाने और एसटीपी से संयोजन करने के लिए एसडीएम एवं संबंधित नगर पालिका को कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि जिले में संचालित सभी एसटीपी का नियमित रूप से तकनीकी निरीक्षण किया जाए। एसटीपी में सीवेज ट्रीटमेंट के बाद बचे कीचड़ (स्लज) का इस्तेमाल खाद बनाने में किया जाए और वन विभाग, एनजीओ या किसी संस्था के माध्यम से किसानों को उपलब्ध कराया जाए। पोखरी बैंड के पास नाले के ट्रीटमेंट में देरी करने पर सिंचाई विभाग अधिशासी अभियंता को कार्यप्रणाली में सुधार लाने की हिदायत दी। नगर निकायों में डोर-टू-डोर कूडा कलेक्शन और सोर्स सेग्रीगेशन पर विशेष फोकस करते हुए नियमों का उल्लंघन करने वालों का चालान किया जाए। डोर-टू-डोर कूडा कलेक्शन, कम्पोस्ट खाद्य बनाने और कॉपेक्टिंग से कम आय अर्जित करने वाले नगर पालिका और पंचायतों को कारण बताओं नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।

सदस्य सचिव प्रभागीय वनाधिकारी सर्वेश कुमार दुबे ने विभिन्न विभागों के माध्यम से संचालित कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जनपद में स्वीकृत 16 एसटीपी का कार्य पूर्ण हो चुका है। जिसमें से 12 एसटीपी जल संस्थान को हैंडओवर किए गए है। इन एसटीपी में 28 नालों को जोड़ा गया है। इसमें बदरीनाथ में छह, जोशीमठ में पांच, गोपेश्वर में सात, नंदप्रयाग में तीन तथा कर्णप्रयाग में सात गंदे नाले एसटीपी से जोडे गए है। नगर निकायों में सोर्स सेग्रीगेशन, डोर टू डोर कूडा कलेक्शन, नालों की नियमित सफाई तथा कूडे से खाद बनाने का काम किया जा रहा है। बैठक में डीएफओ सर्वेश कुमार दुबे, मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, परियोजना निदेशक आनंद सिंह, जल संस्थान के अधिशासी अभियंता एसके श्रीवास्तव, मुख्य कृषि अधिकारी वीपी मौर्य, ईओ गोपेश्वर पीएस नेगी आदि मौजूद थे।

 

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