गोपेश्वर (चमोली)। पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर गुरूवार को कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन उत्तराखंड के बैनर तले चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर की सड़कों पर प्रदर्शन कर जिलाधिकारी के कार्यालय परिसर में धरना दिया तथा एक ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा गया है।
पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के जिलाध्यक्ष मोहन सिंह रावत और महामंत्री सुरेंद्र भगत का कहना है कि केंद्र सरकार कर्मचारियों के साथ छलावा कर रही है। कर्मचारी ओपीएस की मांग कर रहे हैं और सरकार उन्हें यूपीएस का झुनझुना थमाने में लगी है जबकि कर्मचारियों की सीधी मांग है कि ओपीएस से कम पर किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। उनका कहना था कि सरकार की ओर से जो यूपीएस देने की बात की गई है उसमें कर्मचारियों को कोई फायदा नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना में 20 वर्ष की सेवा के बाद पेंशन का प्राविधान था जबकि अब इस नई नीति के अनुसार 25 वर्ष किया गया है। जबकि उत्तराखंड में नौकरी पाने के लिए 42 वर्ष तक की आयु सीमा रखी गई है ऐसे में नौकरी पाने वाला व्यक्ति 18 साल ही नौकरी कर पायेगा और उसे इस नई योजना का कोई फायदा नहीं मिल पायेगा।
उनका यह भी कहना था यूपीएस का संचालन केंद्र अथवा राज्य सरकार की ओर से किया जाएगा अथवा किसी संस्था के माध्यम से इसका कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है। यूपीएस में कर्मचारियों को ग्रेज्यूटी में भी भारी नुकसान की संभावना है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के भविष्य को देखते हुए पुरानी पेंशन योजना जरूरी है और सरकार इस पर तत्काल निर्णय ले। कर्मचारी पुरानी पेंशन से कम पर किसी प्रकार से समझौता नहीं करेंगे। धरना प्रदर्शन करने वालों में प्रकाश सिंह चौहान, कमल किशोर डिमरी, महावीर जग्गी, नरेन्द्र सिंह रावत, कमलेश कुंवर, प्रकाश नेगी, दिगम्बर नेगी, मुकेश नेगी, सीमा पुंडीर, प्रदीप बिष्ट, गजेन्द्र बिष्ट, चन्दन चौहान, देवेंद्र रावत, विपिन सेमवाल आदि शामिल थे।