गोपेश्वर (चमोली)। डा. रघुनन्दन सिंह टोलिया उत्तराखण्ड प्रशासन अकादमी नैनीताल की ओर से दो दिवसीय विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम गुरुवार से चमोली जिले के डायट सभागार गौचर में शुरू हुआ। कार्यक्रम के उद्धघाटन सत्र में कर्णप्रयाग तहसील के उप जिला अधिकारी संतोष पांडे, प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान गौचर आकाश सारस्वत एवं वरिष्ठ संकाय सदस्य लखपत बर्खाल की ओर से कार्यक्रम की उपयोगिता एवं प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला गया।
कार्यक्रम की उपयोगिता के बारे में अकादमी की ओर से प्रत्येक जनपद में पहुंचकर इस प्रशिक्षण के महत्ता को बताया गया। कार्यक्रम की कार्यक्रम निदेशिका डॉ. मंजू पांडे की ओर से कार्यक्रम की रूपरेखा एवं उद्देश्य के विषय में जानकारी देते हुए बताया गया कि उत्तराखंड राज्य विभिन्न आपदाओं के लिहाज से बहुत ही संवेदनशील है, जिसमें भूकम्प एक वृहद आपदा के रूप में है। जोन चार एवं जोन पांच में होने के कारण हमें भूकम्प सुरक्षा परक विद्यालय स्तरीय पूर्व तैयारियां किये जाने की अत्यन्त आवश्यकता है। विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों, शिक्षकों और विद्यालय स्टॉफ को प्राकृतिक आपदाओं, मानव निर्मित आपदाओं और अन्य विपरीत स्थितियों से बचाने के लिए तैयार करना है। संस्थान में सुरक्षित वातावरण का निर्माण, आपदा प्रबन्धन जागरूकता, प्रशिक्षण और तैयारियां, जोखिम मूल्यांकन, आपातकालीन योजनाओं का विकास और सामुदायिक भागीदारी को सुनिश्चित करना है। कार्यक्रम के प्रथम दिवस पर चिकित्सा अधिकारी पीएचसी गौचर डॉ. रजत कुमार ने प्राथमिक चिकित्सा, अग्निशमन विभाग से अग्निशमन अधिकारी प्रतीक की ओर से घरेलू, व्यासायिक, वनाग्नि को नियंत्रित करने के विषय में जानकारियां साझा की गई। कार्यक्रम में जनपद चमोली के कर्णप्रयाग विकासखण्ड के राजकीय इण्टर कॉलेज एवं अन्य विद्यालयों से प्रतिभागियों की ओर से प्रतिभाग किया जा रहा है। कार्यक्रम में प्रवक्ता डायट गोपाल प्रसाद कपरूवाण, सुबोध डिमरी, अकादमी के मनोज धपवाल और कुश बिष्ट आदि मौजूद थे।