कर्णप्रयाग (चमोली)। चमोली जिले के कर्णप्रयाग ब्लॉक के धारकोट और तोप गांव को यातायात से जोड़ने को लेकर चल रहा ग्रामीणों का आंदोलन बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। बुधवार को आंदोलनकारियों से वार्ता करने पहुंचे लोनिवि के अधिकारियों को ग्रामीणों ने बैरंग लौटा दिया है। ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों से सड़क निर्माण कार्य शुरु होने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही है।
स्थानीय ग्रामीण विनोद नेगी और महिला मंगल दल अध्यक्ष धारकोट मंजू देवी का कहना है कि धारकोट-घंडियाल डेढ किमी सड़क निर्माण से धारकोट, तोप, घंडियाल, ऐरवाडी, सेनू, ग्वाड, रतूड़ा सहित 15 गांवों को गैरसैंण और कर्णप्रयाग तक आवाजाही के लिये सुगमता होगी। जिसके लिये शासन की ओर वर्ष 2016-17 में सड़क निर्माण की स्वीकृत प्रदान की गई है। लेकिन प्रशासन की लापरवाही के चलते वर्तमान तक वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूर्ण न होने के चलते सड़क निर्माण कार्य शुरु नहीं हो सका है। ऐसे में ग्रामीणों को अपने गंतव्य तक जाने के लिये मीलों की दूरी नापनी पड़ रह है। उक्रांद नेता उमेश खंडूरी का कहना है कि सरकार की ओर से सड़क स्वीकृति के बाद निर्माण कार्य को लेकर लापरवाही आम बात हो गई है। ग्रामीणों की समस्या का देखते हुए अनिश्चित कालीन उपवास शुरु किया गया है। विभाग की ओर से निर्माण कार्य को लेकर पुख्ता कार्रवाई किये जाने तक आंदोलन जारी रखा जाएगा। इस मौके पर संजय कुंवर, अरुण भंडारी, सुरेंद्र सिंह, देवेंद्र सिंह राणा, विक्रम सिंह, हर्षपाल सिंह, विपिन राणा, सचिन राणा, आकाश नेगी आदि मौजूद थे।
धारकोट-घंडियाल सड़क निर्माण के लिये वन हस्तांतरण की प्रक्रिया गतिमान है। वन भूमि हस्तांतरण के लिये प्रस्ताव ऑन लाइन कर दिया गया है। भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूर्ण होते ही सड़क की निर्माण प्रक्रिया शुरु कर दी जाएगी। ग्रामीणों को सड़क निर्माण की प्रगति की जानकारी देकर आंदोलन समाप्त करने को लेकर वार्ता की जा रही है।
मयंक तिवारी, सहायक अभियंता, लोनिवि कर्णप्रयाग।