गोपेश्वर (चमोली)। एक ऐसी मां जिसका बेटा फौज में शरहदों की रक्षा कर रहा, एक पौता जो अपनी दादी को इस श्राद्ध के मौके पर तर्पण दे रहा था और दिव्यांग जिसका कोई सहारा नहीं है। उन्हें बिना समय दिए प्रशासन ने पुलिस के सहयोग से उन्हें जबरन उठाकर उनके आशियाने पर बुल्डोजर चलाकर उजाड दिया। यह आरोप है हाट गांव के जल विद्युत परियोजना के उन प्रभावित परिवारों का जिन्होंने अभी तक जल विद्युत परियोजना से किसी प्रकार की धनराशि विस्थापन के लिए नहीं ली है।

बता दें कि पीपलकोटी में टीएचडीसी के माध्यम से एक जल विद्युत परियोजना का निर्माण किया जा रहा है। जिसके लिए हाट गांव के साथ ही अन्य गांवों की भूमि को भी अधिग्रहित किया गया है। हाट गांव से गई परिवारों ने स्वैच्छिक विस्थापन के आधार पर अन्यत्र चले गये है। लेकिन कई परिवार अभी भी ऐसे है जो गांव में ही रह रहे है जिन्होंने विस्थापन के लिए मना कर दिया था और जल विद्युत परियोजना से किसी प्रकार की धनराशि नहीं ली है। बुधवार को प्रशासन के निर्देश पर चमोली तहसील प्रशासन, पुलिस बल लेकर गांव में पहुंचा और एक तरफ से जेसीबी चलाकर सभी घरों को तोड़ना शुरू किया।

इसमें एक फौजी की 60 वर्षीय बुढ़ी माता भी शामिल है। फौजी की माता नर्वदा देवी बताती है कि बुधवार को वे अपने मवेशियों के लिए चारापत्ति लेने के लिए जंगल जाने की तैयारी कर रही थी कि तभी पुलिस की महिला सिपाहियों ने आकर उन्हें जबरन उठाकर गाड़ी में बैठाया और पुलिस थाने ले आये और इस बीच प्रशासन ने जेसीबी से उनका घर तोड़ डाला घर में तीन लाख से अधिक के जेवर और दो लाख रुपये नगदी रखा गया था जिसका अभी तक पता नहीं चल पाया है। बुधवार की रात्रि को उन्हें एक टीन शेड में रखा गया जहां पर खाने पीने की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी,  वहीं प्रभावित मुकेश गैरोला रोते हुए बताते हैं कि हिंदू धार्मिक परंपरा के अनुसार बुधवार को वे अपनी दादी का श्राद्ध करने के लिए तर्पण देने की तैयारी कर रहे थे कि तभी पुलिस ने उन्हें और उनकी पत्नी को घर से उठाकर पुलिस थाने ले आयी। उनका कहना है कि उन्हें प्रशासन ने इतना समय भी नहीं दिया कि वे अपने पित्रों को तर्पण दे पाते जिसका उन्हें आजीवन मलाल रहेगा।

गांव के दिव्यांग 65 वर्षीय गुप्ता प्रसाद जो आंख नहीं देख पाते है और बेसहारा है, बताते है कि उन्हें भी पुलिस ने जबरन उठाकर पुलिस चैकी में रखा। और उनका घर तोड़ दिया गया। घर में तीस हजार से अधिक की धनराशि एक बक्से में रखा था जिसका ताला भी तोड़ा गया है। उन्हें भी रात्रि में एक टीन शैड में रखा गया जहां खाने पीने को कुछ नहीं दिया गया। इन सभी प्रभावितों का कहना है कि जब उन्होंने अभी तक जल विद्युत परियोजना से किसी प्रकार से विस्थापन की धन राशि नहीं ली है तो उनका आशियाना किस आधार पर तोड़ा गया। उन्हें इसका जबाव चाहिए। अन्यथा सरकार, जिलाप्रशासन और टीएचडीसी उनके नुकसान की भरपाई करे।

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