थराली (चमोली)। लोक संस्कृति और लोकगीतों के संरक्षण में जुटी चमोली की बहुउद्देशीय विकास एवं सांस्कृतिक समिति (बधांणी) संस्था की ओर से उत्तराखंड के मांगल गीतों के संरक्षण की मुहीम शुरु कर दी गई है। संस्था की ओर से मांगलों के संरक्षण के लिये जिले की 37 गांवों की 220 महिलाओं के साथ मांगल गीतों के संकलन का कार्य किया जा रहा है। जिसके लिये संस्था की ओर से मांगल गीतों की प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है।
मांगल गीतों के संरक्षण में जुटे बधांणी संस्था के प्रेम चंद्र देवराणी व गढवाली गायक प्रदीप बुटोला ने बताया कि आधुनिकता के चलते उत्तराखंड के समाज से मांगल गीत धीरे-धीरे लुप्त हो रहे हैं। ऐसे में गीतों का संकलन करना आवश्यक है। जिसे देखते हुए संस्था की ओर से 37 गांवों की महिलाओं के साथ मिलन कर यह मुहीम शुरु की गई है। जिसमें 220 से अधिक महिलाओं का संस्था को योगदान मिल रहा है। बताया कि मांगल प्रतियोगिता में अभी तक प्रतिभाग करने वाले महिलाओं के समूहों में से 6 महिला समूहों का अंतिम चरण के लिये चयन किया गया है। आगामी माह प्रतियोगिता के फाइनल को आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुहीम का उद्देश्य लुप्त हो रहे मांगल गीतों को लिपिबद्ध करना व ऑडियो-विडियो के माध्यम से नई पीढी तक पहुंचाना है। जिससे मांगल गीतों की परम्परा को जीवित रखा जा सके।