घाट (चमोली)। हिमालय की आराध्या नन्दा देवी की हर साल आयोजित होने नन्दा देवी लोक जात का सोमवार से शुभारम्भ हो गया है। नन्दा देवी के कुरुड़ मंदिर के गर्भ गृह से मां नन्दा देवी की दोनों डोलियों को मंत्रोच्चार के साथ भक्तों के  दर्शनों के लिये मुख्य कक्ष में विराजमान कर दिया गया है। पुजारी  मुंशी प्रकाश, योगेश्वर प्रसा, विजय प्रसाद, मनोहर प्रसाद  ने  नन्दा की डोलियों की पूजा अर्चना मंत्रोच्चार किया। मां नन्दा की दोनों डोलियां मंगलवार  को कैलाश के लिये रवाना होगीं।

चमोली  जिले में  भाद्र पद माह में  मां नंदा की वार्षिक लोकजात का आयोजन होता है। वार्षिक लोकजात कई मायनों में 12 बरसों में आयोजित होने वाली नंदा देवी राजजात से भी ज्यादा विस्तारित है। संस्कृति धर्मी संजय चैहान ने बताया  चमोली के सात विकासखंडों और अलकनंदा, मन्दाकिनी, पिंडर घाटी के 800 से अधिक गांवो में  नंदा की वार्षिक लोकजात यात्रा के दौरान लोकोत्सव का उल्लास रहता है, चारों ओर माँ नंदा के जयकारे गुंजयमान होते है। इस दौरान गांवों में भारी चहल पहल रहती है, वहीं ध्याणियां भी मां नंदा से मिलने अपने अपने मायके पहुंच जाती है। नंदा की वार्षिक लोकजात का आयोजन होता है ।

श्री नंदा देवी राजराजेश्वरी मंदिर समिति (नंदा बधाण) की ओर से घोषित कार्यक्रम के अनुसार इस बार राजराजेश्वरी नंदा देवी की लोकजात यात्रा 31 अगस्त से 20 सितम्बर तक आयोजित होगी। 31 अगस्त को राज राजेश्वरी की डोली कुरूड धाम मंदिर से हिमालय को प्रस्थान करेगी।

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