चोपता पहुंचेगी चल विग्रह डोली, 5  नवंबर को भनकुंड, 6 नवंबर को शीतकालीन गद्दी श्री मार्कण्डेय मंदिर मक्कूमठ में विराजमान होंगे

मार्कण्डेय मंदिर मक्कूमठ में 7 नवंबर से शुरू होगी तृतीय केदार तुंगनाथ जी की शीतकालीन पूजाएं

तुंगनाथ। तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ जी के कपाट आज पूर्वाह्न 11.30 बजे शीतकाल हेतु  बंद हो गये हैं इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।  पूजा-अर्चना,विधि-विधान पूर्वक पहले बाबा तुंगनाथ जी के स्यंभूशिव लिंग की  समाधि पूजा संपन्न हुई तत्पश्चात कपाट बंद कर दिये गये। कपाट बंद होने के पश्चात बाबा की उत्सव डोली अपने प्रथम पड़ाव चोपता को रवाना हो गयी। 5 नवंबर को डोली भनकुंड, 6 नवंबर को शीतकालीन गद्दी स्थल श्री मार्कण्डेय मंदिर मक्कूमठ में विराजमान हो जायेगी। इसी के साथ मक्कूमठ में तृतीय केदार तुंगनाथ जी की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जायेंगी।  श्री तुंगनाथ जी के कपाट बंद होने के अवसर पर मठाधिपति रामप्रसाद मैठाणी, पुजारी रविंद्र मैठाणी, सतीश मैठाणी, मंदिर प्रबंधक प्रकाश पुरोहित, देवानंद गैरोला सहायक प्रबंधक विक्रम रावत संदीप, जगमोहन आदि मौजूद रहे। देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि  इस यात्रा वर्ष साढ़े चार हजार से अधिक तीर्थयात्री तुंगनाथ दर्शन को पहुंचे हैं।  डोली के चोपता पहुंचने पर देवस्थानम बोर्ड के कार्याधिकारी एन.पी.जमलोकी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, कोषाध्यक्ष  आरसी तिवारी  एवं स्थानीय जनता उत्सव डोली का स्वागत करेंगे।

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