पीपलकोटी (चमोली)। चमोली जिले के पीपलकोटी सेमलडाला में श्री केदार बद्री मानव श्रम समिति रूद्रप्रयाग के तत्वाधान में पतंजलि महिला रामलीला के दूसरे दिवस में सीता स्वयंवर, परशुराम-लक्ष्मण संवाद, वाणासुर-रावण संवाद आकर्षक का केन्द्र रहा।
पीपलकोटी में आयोजित रामलीला के दूसरे दिन के प्रथम दृश्य में सीता के सुयोग्य वर चाहने के लिए मां गौरी की आराधना की गई। तथा इसी दृश्य मंे पुष्पवाटिका में राम व सीता का मिलन होता है। उसके पश्चात राजा जनक की ओर से सीता के स्वयंवर की घोषणा की जाती है। जिसमें शर्त यह होती है जो शिव के धनुष को तोडेगा उसी के साथ सीता का विवाह किया जाएगा। बहुत से राजा धनुष तोड़ने का प्रयास करते है। जिसमें सभी नाकाम हो जाते है। इसी बीच रावण व वाणासुर के बीच संवाद चलता ह,ै लेकिन ज्यों ही रावण धनुष उठाने के लिए झुकता है तो आकाश वाणी होती है ओर रावण उसी समय वहां से चला जाता है जिसके बाद राम के शिव का धनुष तोडने के साथ ही राम और सीता का विवाह हो जाता है। जैसे धनुष टूटने की आवाज परशुराम के कानों तक पहुंचती है वो क्रोधित होकर स्वयंवर पाण्डाल में पहुंचते हैं, और सभी राजाओं के सामने जनक को फटकारते है इसी बीच परशुराम ओर लक्ष्मण के बीच काफी लम्बा संवाद चलता है और जैसे ही परशुराम को राम की महिमा का पता चलता है तो वे उनकी आरती उतारकर उनको सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना करता है इसके बाद धूम-धाम से राम की बारात अयोध्या से जनकपुर की ओर प्रस्थान करती है।
द्वितीय दिवस की लीला का शुभारम्भ नगर पंचायत अध्यक्षा हिमानी वैष्णव ने द्वीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पहाड की महिलायें यदि किसी कार्य को पूर्ण करने का साहस करे तो वह अवश्व पूरा होता है और महिलायें पुरूषों के सहयोग से ही इस तरह के कार्यक्रम कर सकती है। राम की भूमिका में राजेश्वरी पंवार, सीता की भूमिका में भारती गुंसाई, लक्ष्मण की भूमिका मंे बीरा फरस्वाण, जनक की भूमिका में पुष्पा कनवासी, सुनैना की भुमिक मीना, शखी सुनीता शाह, पुष्पा रावत, सुषमा भण्डारी, गौरी की भूमिका में रोशनी नेगी, रावण की भूमिका में मुन्नी बिष्ट, बाणासुर की भूमिका में तनुजा मैठाणी, परशुराम की भूमिका में कल्पेश्वरी अेार विश्वामित्र की भूमिका में शशि नेगी रही।