गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर के निकटवर्ती क्षेत्र हल्दापानी के भूस्खलन जोन का सुधारीकरण का कार्य सर्वेक्षण कार्य से आगे नहीं बढ पा रहा है। जिसके चलते इस मोहल्ले के 50 से अधिक आवासीय भवन खतरे की जद में हैं। यहां के निवासियों का कहना है कि जहां बरसात के बाद प्रशासन की ओर से यहां ताबडतोड़ निरीक्षण किया गया, वहीं बरसात खत्म होने के बाद से यहां कोई जमीन कार्य नहीं हो सका है।

बता दें कि हल्दापानी मोहल्ले में वर्ष 2014 के बाद भूस्खलन सक्रीय हो गया था। लेकिन यहां वर्षों तक जल निकासी की समुचित व्यवस्था न होने से वर्ष 2020 में मोहल्ले के निचले हिस्से में निर्माणाधीन भवन ध्वस्त हो गया था। बावजूद इसके एक वर्ष तक प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई न किये जाने पर वर्ष 2021 के जून माह में यहां भूस्खलन तेज हो गया। जिससे यहां आसपास मौजूद 15 से अधिक भवनों पर दरारें आ गई। जबकि 50 से अधिक भवन भूस्खलन क्षेत्र की जद में आ गये। जिसके बाद प्रशासन ने 20 लाख की धनराशि से सुरक्षा कार्य शुरु करवाये, लेकिन यहां किये गये सुरक्षा कार्य भी भूस्खलन की भेंट चढ गये। जिसके बाद प्रशासन ने सिंचाई विभाग के माध्यम से दो करोड़ 85 लाख 65 हजार की धनराशि का भूस्खलन ट्रीटमेंट का प्रस्ताव शासन को भेजा, वहीं बीते जनवरी माह में यहां आईआईटी रुड़की की टीम से प्रशासन की ओर से सर्वे कार्य करवाया गया। लेकिन वर्तमान सर्वे रिर्पोट के न आने से यहां सुरक्षा कार्य शुरु नहीं हो सके हैं। स्थानीय निवासी अनिल रतूड़ी, सुरेंद्र भंडारी, विमला बजवाल, हीरा लाल आर्य और उमा थपलियाल का कहना है कि यदि शीघ्र प्रशासन की ओर से भूस्खलन क्षेत्र का सुधारीकरण नहीं किया जाता तो बारिश के दौरान यहां स्थति भयावह हो जाएगी।

हल्दापानी भूस्खलन क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण आईआईटी रुड़की की ओर से किया गया है। निरीक्षण करने वाली टीम की ओर से सर्वे रिर्पोट के साथ ही सुधारीकरण को लेकर योजना की जानकारी देने के बाद यहां सुरक्षा कार्य शुरु किये जाएंगे।
नंद किशोर जोशी, आपदा प्रबंधन अधिकारी, चमोली।

 

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