जोशीमठ (चमोली)। चमोली जिले के रैंणी गांव में शनिवार को चिपको आंदोलन की 49वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाई गई। इस दौरान ग्रामीणों ने चिपको नेत्री गौरा देवी को श्रद्धांजली देते हुए उन्हें याद किया। वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से रैणी से शुरु हुई पर्यावरण सरंक्षण की मुहीम को आगे बढाने के लिये प्रेरित किया। कार्यक्रम के दौरान गौरा देवी की 6 सहयोगी महिलाओं को भी सम्मानित किया गया।

रैंणी गांव में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ श्री गुरुराम राय विवि के कुलपति डा. उदय सिंह रावत ने किया। उन्होंने कहा कि देश और दुनिया में 48 वर्ष पूर्व रैंणी गांव की महिलाओं ने गौरा देवी के नेतृत्व में पहली बार पर्यावरण संरक्षण को लेकर चिपको की मुहीम शुरु की। जिसके बाद से देश और दुनिया में पर्यावरण संरक्षण को लेकर आम लोगां संवेदनशील हो गये हैं। बता दें ग्रामीणों की ओर से बीते वर्ष फरवरी माह में आई आपदा के चलते यहां चिपको आंदोलन की 48वीं वर्षगांठ नहीं मनाई गई जा सकी थी। वहीं चिपको आंदोलन की जननी गौरा देवी की स्मृति स्थल को भी भारी नुकसान के चलते गौरा देवी की मूर्ति को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया था। जिसे शनिवार को पुनः गौरा देवी की मूर्ति को गांव में स्थापित किया गया। इस दौरान गौरा देवी की चिपको आंदोलन में सहयोगी रही डोका देवी, उखा देवी, कल्ली देवी, जूठी देवी, बाली देवी, मंगुलि देवी, जेठुली देवी के साथ ही 25 दिवंगत महिलाओं के परिजनों को सम्मानित किया गया।

इस मौके पर प्राचार्य राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जोशीमठ डॉ. विश्वनाथ खाली, प्रदेश अध्यक्ष अनुसूचित जाति मोर्चा रामकृष्ण सिंह रावत, ब्लॉक प्रमुख हरीश परमार, वन क्षेत्राधिकारीपूर्व चेतना कांडपाल, पूर्व प्रमुख प्रकाश रावत, पूर्व प्रमुख ठाकुर सिंह राणा, पुष्कर सिंह राणा, लक्ष्मण फरकिया, बाली देवी और नंदनी देवी आदि मौजूद थे।

 

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