सौवें वर्ष में कैसा हो भारत
श्रीनगर। “भारत की आजादी के सौ वर्ष पर किस तरह का भारत हो” विषय पर हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, पहले इंडिया फाउंडेशन तथा हिमालयी राज्यों के तेरह विश्वविद्यालयों के समूह द्वारा गढ़वाल विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के शुभ अवसर संयुक्त रूप से एक परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि डा. राजीव कुमार, पूर्व उपाध्यक्ष, निति आयोग, भारत सरकार द्वारा भारत@100 की रूपरेखा पर एक विस्तृत ब्याख्यान प्रस्तुत किया गया जिसमें आठ प्रमुख विन्दुओं में विज्ञान एवं तकनिकी को प्रमुखरूप से विकास से जोड़ने की बात कही गयी. इस अवसर पर हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल द्वारा “विजन इंडिया 2047” को बृहत् रूप प्रदान करने हेतु सुझाव दिए गये. कुलपति द्वारा कहा गया कि तकनिकी का उपयोग करते हुए एक समावेशी समाज स्थापित किया जाना जरूरी है. इस अवसर पर गढ़वाल विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगेन्द्र नारायण द्वारा भारत के राजनैतिक, आर्थिक एवं सामाजिक विकास के विभिन्न पहलुओं को भारत के विकास से जोड़ने पर जोर दिया गया. कार्यशाला में असम केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो. राजीव मोहन पन्त, कश्मीर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. फारुख भाह एवं पूर्व कुलपति प्रो. मेहराजुदीन मीर, उत्तर पूर्व पर्वतीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.के. वास्तव, वाडिया संस्थान के निदेशक डा. कला चन्द साई,यूकोस्ट के डी.जी. डा. दुर्गेश पन्त, मिजोरम विश्वविद्यालय के कुलसचिव लालनुनडेगा, सिक्किम विश्वविद्यालय के प्रो. कोमल सिंह, डा. रूबिन जोशी, डा. पी.सी. नौटियाल, एस.डी.सी. के संस्थापक अनूप नौटियाल, आई.एच.बी.टी. पालमपुर के वैज्ञानिक डा. संजय उनियाल, डा. सुख जेंद्र सिंह तथा पहले इंडिया के रवी पोखरन एवं शिव कुमार द्वारा हिमालयी राज्यों से जुड़े विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखे गये. इस अवसर पर गढ़वाल विश्वविद्यालय के सभी संकायध्यक्षों के साथ हीप्रति कुलपति आर. सी. भट्ट एवं प्राध्यापकों द्वारा प्रतिभाग किया गया. कार्यशाळा से निकले सुझावों को गढ़वाल विश्वविद्यालय संकलित कर एक विस्तृत आख्या तैयार करने के पश्चात पहले इंडिया फाउंडेशन को विजन 2047 हेतु तैयार किये जा रहे दस्तावेज में समावेश हेतु प्रदान करेगा. कार्यशाला का संचालन विश्वविद्यालय के आन्तरिक गुणवत्ता एवं आश्वासन प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. आर. सी. सुन्द्रियाल द्वारा किया गया तथा कार्यशाला के अन्त में कार्यों को गति प्रदान करने की दृष्टि से गढ़वाल विश्वविद्यालय एवं पहले इंडिया फाउंडेशन के मध्य एक सहमती पत्र (एम.ओ.यू.) पर भी हस्ताक्षर किये गये.