पिथौरागढ़। सिविल सैन्य समन्वय को लेकर मंगलवार सेना कार्यालय भडकटिया में जिला प्रशासन एवं आर्मी के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई। जिसमें डिफेंस लैंड से जुडे विभिन्न प्रकरणों, रिटेनिंग वाल निर्माण एवं सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास को लेकर गहनता से चर्चा की गई।

जिलाधिकारी डा.आशीष चौहान ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से सेना को हर संभव सहयोग दिया जाएगा। राजस्व भूमि का अधिग्रहण, हस्तांतरण, सीमांकन, लीज भूमि का किराया वितरण संबधी सेना की समस्याओं को आर्मी एवं सिविल प्रशासन की तरफ से जारी दिशा निर्देशों के अनुरूप जल्द से जल्द समाधान करने का प्रयास किया जाएगा। कहा कि आर्मी और सिविल प्रशासन की टीम के माध्यम से भूमि का संयुक्त निरीक्षण कर भूमि संबंधी समस्याओं को दूर किया जाएगा। इस दौरान गुंजी, कालापानी, मुन्स्यारी, कुथी, मिलम, जालिगकांग आदि क्षेत्रों में सेना की अग्रिम चौकियों में भूमि संबधी प्रकरणों पर विस्तार से चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने बताया कि कालापानी व नाभीढांग में सेना के भूमि संबधी प्रस्ताव शासन को भेजे जा चुके है। मुन्स्यारी में भी सेना को भूमि उपलब्ध करायी जाएगी।

इस दौरान गुंजी, धारचूला, कुटि यांगती नदी तटों पर बाढ सुरक्षा हेतु रिटेनिंग वाल निर्माण, जौहार व दारमा घाटी तथा दारमा व व्यास घाटी को सडक से जोडने और सीमावर्ती क्षेत्रों में संचार सुविधा को विकसित करने संबधी प्रस्तावों पर भी चर्चा की गई।

आर्मी बिर्गेडियर सौरभ सिन्दे ने कहा कि सिविल प्रशासन के सहयोग से सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास कार्य किए जाएंगे। बताया कि मिनिस्ट्री आफ डिफेंस के माध्यम से सीमा से सटे 15 गांवों को बार्डर माडल विलेज के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव तैयार किया है। उन्होंने कहा कि सिविल सैन्य विषयक बैठक आगे भी होती रहेंगी, ताकि दोनों में ठीक तरह से समन्वय बना रहे। कहा कि सेना से को़ई भी मदद की जरूरत है तो सेना इसमें पूरा सहयोग करेगी। बैठक में लेप्टिनेंट कर्नल सिद्धार्थ, एसडीएम नंदन कुमार सहित सेना व सिविल प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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