गोपेश्वर (चमोली)। पहले तो चमोली जिले के ग्रामीणों ने आपदा की मार झेली। आपदा के दौरान भी ग्रामीण अपने जीवन को बचाने के लिए रतजगा करते रहे। अब जब बरासत से कुछ निजात मिली तो अब ग्रामीण अपने मेहनत से उगाई फसल को जंगली जानवरों से बचाने के लिए थाली बजाकर रतजगा करने में लगे है।

इन दिनों चमोली जिले के आपदा प्रभावित निजमुला घाटी, देवाल क्षेत्र, कौंज पौथनी, बंड क्षेत्र के गांवों में जंगली सुअरों ने आंतक मचाया हुआ है। सुअर रात को आकर खेतों में खड़ी फसल को रौंद कर चले जा रहे है। जिससे अब ग्रामीणों को फसल को बचाने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। ग्रामीणों का कहना है कि जंगली सुअरों के झुंड खेतों में आलू, धान, मंडुवा और बेल वाली सब्जियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों से जंगली सुअरों के उत्पात से मुक्ति दिलाने की मांग की है।

गाड़ी गांव के सरपंच तारेंद्र सिंह गड़िया, महिला मंगल दल अध्यक्ष राजेश्वरी देवी, सुनीता देवी, बरती देवी, शिवा, मंदोदरी देवी, वीरेंद्र सिंह, विक्रम, मुर्खल्या सिंह, योगंबर सिंह, हिम्मत सिंह आदि का कहना है कि तोली मल्ला, कनियाली, पलसारी, ग्वाड़, नेवा तोक में शाम होते ही सुअरों के झुंड खेतों में पहुंच रहे हैं। सुअर खड़ी फसल को तहस-नहस कर रहे हैं। उन्होंने वन विभाग से सुअरों से निजात दिलाने की मांग की है।

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