- अनुसूचित जाति बस्ती मवल्ठा में 60 से अधिक परिवार करते है निवास
- आपदा के बाद प्राथमिक विद्यालय में लिए हुए हैं शरण
गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले के कौंजपौथनी के तोक गांव मवल्ठा के अनुसूचित जाति बस्ती के ग्रामीणों को आरोप है कि आपदा के सात दिन बाद भी उनकी सुध लेने के लिए प्रशासन कोई अधिकारी कर्मचारी वहां नहीं पहुंचा है। शनिवार को ग्रामीणों ने प्रभारी जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंप कर अपनी व्यधा बतायी।
बीते 13 अगस्त की रात्रि को हुई भारी वर्षा के कारण चमोली जिले के दशोली विकास खंड के कौंज पौथनी क्षेत्र में अतिवृष्टि के चलते गांव के दोनों ओर से भूस्खलन हो गया था जिससे गांव में आवागमन के सारे रास्ते बंद हो गये थे। जिससे मवल्ठा के अनुसूचित जाति बस्ती के लोग गांव में ही फंस गये थे। ग्रामीण अपनी जान बचाने के लिए प्राथमिक विद्यालय में शरण लिए हुए है।
पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य जसपाल लाल, प्रदीप किशोर, विक्रमवीर, महेंद्र कुमार, जितेंद्र कुमार का कहना है कि मवल्ठा में अनुसूचित जाति के 60 परिवार निवास करते है। जिनकी जनसंख्या लगभग दो सौ के आसपास है। आपदा में अधिक परिवारों के भवनों को नुकसान पहुंचा है। ग्रामीण अपनी जान की सुरक्षा के लिए परिवार के साथ प्राथमिक विद्यालय में शरण लिए हुए है। उनका आरोप है कि आपदा के सात दिन भी बाद भी प्रशासन का कोई अधिकारी ग्रामीणों की सुध लेने नहीं पहुंचा है। जिससे ग्रामीणों में खासा रोष व्याप्त है। शनिवार को ग्रामीण किसी तरह जिला मुख्यालय गोपेश्वर पहुंचे और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंप कर अपनी व्यधा बतायी। उन्होंने कहा कि रात्रि में लगातार बारीश हो रही है जिससे लोगों में दहशत का माहौल बना है। ऐसे में प्रशासन की ओर से उनकी सुध न लिया जाना उनके साथ अन्याय है। उन्होंने बताया कि प्रभारी जिलाधिकारी डा. आशीष त्रिपाटी ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि रविवार को राजस्व की टीम मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों की क्षति का आंकलन करेगी। ज्ञापन देने वालों में मुन्नी देवी, सुशीला देवी, राजेंद्र लाल, धीरज लाल, हुकमी लाल, जसपाल लाल आदि शामिल थे।