गोपेश्वर (चमोली)। उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने गुरूवार को भूमि कानून बनाने, मूल निवास 1950 से करने और देवस्थानम बोर्ड को रद्द करने की मांग पर प्रदर्शन कर धरना दिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी हिमांशु खुराना के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।

गोपेश्वर कलेक्ट्रेट परिसर में धरना स्थल पर आयोजित सभा में दल के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार शाह ने कहा कि राज्य का निर्माण पहाड़ों के विकास की अवधाराणा के आधार पर किया गया। लेकिन राज्य में सत्ता में रही कांग्रेस और भाजपा सरकारों की ओर से पहाड़ी क्षेत्रों के विकास की अनदेखी की है। उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों के विकास के लिये भूमि कानून और मूल निवास 1950 से किया जाना आवश्यक है। जिसके लिये उक्रांद निर्णायक लड़ाई लड़ने के लिये तैयार है, वहीं उन्होंने देवस्थानम बोर्ड के माध्यम से मंदिरों के सरकारीकरण को स्थानीय हक-हकूकधारियों के अधिकारों को छीनने का षड़यंत्र बताया है। उन्होंने कहा सरकार को मामले में चारों धामों के हक-हकूकधारियों की मांग को मानते हुए तत्काल बोर्ड को भंग कर एक्ट को रद्द कर देना चाहिए। इस मौके पर दल के जिला संयोजक महिपाल फरस्वाण, विक्रम सिंह रावत, भगत  सिंह कुंवर, दिगम्बर सिंह फरस्वाण, केएल शाह, बच्ची राम उनियाल, सरवेश्वर पुरोहित, गोविंद सिंह नेगी, नारायण सिंह, केदार सिंह, दिगपाल सिंह और युद्धवीर सिंह आदि मौजूद थे।

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