गैरसैण (चमोली)। उत्तराखंड की ग्रीष्म कालीन राजधानी गैरसैण में विधानसभा सत्र न कराए जाने से नाराज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बुधवार को भराड़ीसैंण विधानसभा परिसर में दो घन्टे धरना देते हुए उपवास रखा। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाप जमकर नारेबाजी की।
हरीश रावत ने कहा कि गैरसैंण राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी है या नही इस पर मुख्यमंत्री को बयान देना चाहिए। कांग्रेस विधायकों से अपील कर उन्होंने कहा कि इस मामले को विधानसभा में जोरदार तरीके से उठाया जाना चाहिए, क्योंकि कांग्रेस भराड़ीसैंण की उपेक्षा बर्दास्त नहीं करेगी, भराड़ीसैंण का स्टेट्स आखिर क्या है, इसको लेकर सरकार को स्थिति साफ करनी चाहिए। कार्यक्रम में मौजूद पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल ने कहा कि 2016 के विधानसभा सत्र में यह बात पारित हुई थी कि आने वाले समय से बजट सत्र भराड़ीसैंण में होंगे, लेकिन आज न तो यहां सरकार बैठी है और न ही यहां कोई बजट सत्र हो रहा है। यह सरकार सिर्फ जनता को छलने का कार्य कर रही रही है।
इस अवसर पर मुख्य रूप से पूर्व प्रमुख गरुड़ भरत फरस्वाण, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बागेश्वर हरीश नैथानी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष चमोली बीरेंद्र रावत, हरिकृष्ण भट्ट, कृष्णा नेगी, मोहन भंडारी, मुकेश नेगी, सुरेंद्र सिंह बिष्ट, कुंवर सिंह बिष्ट, सुनील पन्त, वीरेंद्र मिंगवाल, पुष्कर कोलखी आदि मौजूद रहे।