गोपेश्वर (चमोली)। मुख्य विकास अधिकारी चमोली अभिनव शाह की अध्यक्षता में शनिवार को जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक हुई। जिसमें गंगा नदी की सभी प्रमुख सहायक नदियों के पुर्नरुद्धार, संरक्षण, मरम्मत और पुनर्वास के लिए विभिन्न विभागों के माध्यम से संचालित कार्यों की समीक्षा की गई।
मुख्य विकास अधिकारी ने नमामि गंगे की ओर से जोशीमठ और कर्णप्रयाग में नवनिर्मित चारों एसटीपी का संयुक्त निरीक्षण करते हुए तत्काल जल संस्थान को हैंडओवर करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले में संचालित सभी एसटीपी का हर महीने निरीक्षण करने को कहा। एसटीपी में सीवेज ट्रीटमेंट के बाद बचे कीचड़ (स्लज) का इस्तेमाल खाद बनाने में किया जाए और वन विभाग, एनजीओ या किसी संस्था के माध्यम से किसानों को उपलब्ध कराया जाए। नगर निकायों में डोर-टू-डोर कूडा क्लेक्शन और सोर्स सेग्रिगेशन पर विशेष फोकस करते हुए नियमों का उल्लंघन करने वालों का चालान किये जाने के निर्देश दिए।
सदस्य सचिव/प्रभागीय वनाधिकारी सर्वेश कुमार दुबे ने विभिन्न विभागों के माध्यम से संचालित कार्यो की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले में स्वीकृत 16 एसटीपी का कार्य पूर्ण हो चुका है। जिसमें से 12 एसटीपी जल संस्थान को हैंडओवर किए गए है। इन एसटीपी में 28 नालों को जोड़ा गया है। इसमें बदरीनाथ में छह, जोशीमठ में पांच, गोपेश्वर में सात, नंदप्रयाग में तीन तथा कर्णप्रयाग में सात गंदे नाले एसटीपी से जोडे गए है। नगर निकायों में सोर्स सेग्रीगेशन, डोर टू डोर कूडा कलेक्शन, नालों की नियमित सफाई तथा कूडे से खाद बनाने का काम किया जा रहा है, वहीं वित्तीय वर्ष में अब तक कॉम्पैक्ट अजैविक सामग्री से 13.47 लाख और गीले कूड़े से तैयार कम्पोस्ट खाद से छह हजार आठ सौ रुपये की राशि प्राप्त हुई। साथ ही उन्होने बताया कि नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत अर्थ गंगा के तहत कृषकों को प्रशिक्षण दिए जाने के लिए कृषि विभागों की ओर से सभी ब्लॉकों में कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। बैठक में जल संस्थान के अधिशासी अभियंता एसके श्रीवास्तव, ईओ गोपेश्वर पीएस नेगी आदि मौजूद थे।