गोपेश्वर (चमोली)। प्रधानमंत्री की मनसा लोकल के लिए वोकल बने अब जमीन पर उतरते दिख रहा है। इस बार दीपालवली पर्व पर बिजली की चाइनीज मालाओं की जगह पर स्थानीय स्वयं सहायता समूह के माध्यम से निर्मित मालाएं बाजार में उपलब्ध होंगी। एसबीआई आरसेटी चमोली के माध्यम से एसएचजी से जुड़ी 22 महिलाओं को एलईडी बल्व की माला और झालर बनाने का विशेष प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आरसेटी के माध्यम से इंजीनियरिंग काॅलेज कोठियासैंण में दो से सात नवंबर तक एलईडी बल्व की माला व झालर बनाने का प्रशिक्षण दिया गया।
रविवार को इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर मुख्य अतिथि मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे ने प्रशिक्षणार्थियो को प्रमाण पत्र वितरित करते हुए स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। परियोजना निदेशक प्रकाश रावत ने एनआरएलएम के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई। इस अवसर पर एसबीआई आरसेटी निदेशक अखिलेश कुमार, संकाय देवेन्द्र सिंह राणा, गजेन्द्र गैरोला, चन्द्र मोहन सिंह नेगी आदि मौजूद थे।
एलईडी बल्व की माला व झालर बनाने का प्रशिक्षण पूरा करने के बाद एसएचजी समूह की महिलाएं खासी उत्साहित है। महिलाओं ने बताया कि चाइनीज माला की कोई वांरटी नही होती। अगर खराब हो जाती है तो वापस नही लिया जाता है। लेकिन हमारे समूह से निर्मित मालाओं की पूरी वांरटी दी जाएगी। अगर कोई खराब हो गयी तो उसे तुरंत ठीक कर उपभोक्तााओं को दिया जाएगा। कहा बाजार में जल्द ही डिमांड के अनुसार मालाए उपलब्ध कराई जाएंगी।