गोपेश्वर (चमोली)। कोरोना संक्रमण को बढता देख राज्य सरकार की ओर से चारधाम यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिससे चमोली जिले में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े व्यवसायियों में मायूसी है। ऐसे में अब व्यवसायी सरकार से मदद की उम्मीद लगाये हुए हैं। व्यवसायियों का कहना है कि व्यवसाय के ठप होने के बावजूद भी व्यापरियों को सरकार की ओर से कोई राहत नहीं दी गई है। जिसके चलते व्यवसायियों के सम्मुख परिवार के भरण पोषण को लेकर संकट खड़ा होने लगा है।
बता दें कि वर्ष 2019 में यहां 12 लाख 0 हजार 929 तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम पहुंचे। वहीं बीते वर्ष पूरे यात्राकाल में एक लाख 45 हजार 328 तीर्थयात्री ही बदरीनाथ धाम पहुंच सके थे। जिससे एक अनुमान के मुताबिक जहां अकेले होटल व्यवसाय को चार सौ करोड़ अधिक का नुकसान हुआ। वहीं अन्य व्यवसाय भी पूरी तरह से पटरी से उतर गये। ऐसे में पुनः चारधाम यात्रा के संचालन पर लगी रोक से व्यवसायियों को भविष्य की चिंता सताने लगी है। लेकिन सरकार की ओर से व्यापारियों को राहत देने के लिये कोई राहत योजना तैयार नहीं की गई है। जिससे व्यापारियों भारी मायूसी का माहौल है। प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश महामंत्री प्रकाश मिश्रा व प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश डिमरी का कहना है कि व्यापारियों को सरकार से बड़ी राहत की उम्मीद है। व्यापारी सरकार से ऋणों के ब्याज की छूट, व्यावसायिक बिलों की वसूली घरेलू दरों पर करते हुए फिक्स चार्ज का माफ करने, पालिका और पंचायतों की ओर से लिये जाने वाले टैक्स व दुकानों के किराये की माफी और व्यावसायिक लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया में फीस माफ करने की आस लगाये हुए है। जिससे स्थितियों के सामान्य होने के बाद व्यवसायियों को पुनः व्यापार करने की उम्मीद और हिम्मत देगा।