गोपेश्वर (चमोली)। गढ़वाल कुमायूं वाॅरियर की ओर से उत्तराखंड से बाहर पलायन कर चुके लोगों को एक छत के नीचे लाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए उन सभी लोगों को संगठन से जोड़ा जा रह है जो अपने-अपने क्षेत्र में उत्तराखंड ही नहीं बल्कि देश का नाम रोशन कर चुके है।
सोमवार को गोपेश्वर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए गढ़वाल कुमायूं वाॅरियर के निदेशक बीके सामंत ने कहा कि हमारे प्रदेश ने ऐसी विभूतियों को जन्म दिया है जिन्होंने देश का नाम रोशन किया है लेकिन आज दुःख इस बात का है कि हम अपनी ही पहचान खो चुके हैै। यहां का युवा अपने गांवों को छोड़कर वापस मुड़कर देखने का नाम नहीं ले रहा है जिससे हम अपनी जड़ों को खो चुके हैं। हमारा संगठन इसी दिशा में कार्य कर उन सभी लोगों को एक छत के नीचे लाने का प्रयास कर रहा है जो अपने घरों को लौट कर लोगों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बने और उत्तराखंड को एक नयी पहचान मिल सके। उन्होंने कहा कि हम अपनी सांस्कृतिक विरासत को भी छोड़ कर पाश्चात्य संस्कृति की ओर बढ़ रहे है। ऐसे में हमारी सांस्कृतिक धरोहर विलुप्त होती जा रही है। हमें इस दिशा में भी कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि संगठन के माध्यम से प्रत्येक जिले में एक गांव को गोद लिया जाए और उस गांव में मूलभूत सुविधाओं के साथ ही सांस्कृतिक विरासत, खेलकूद, पर्यावरण के क्षेत्र में विकसित किया जाए ताकि अन्य गांव भी उसका अनुशरण कर सकें। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रथम चरण में उत्तराखंड की हस्तियों से मुलाकात कर सकारात्मक वार्ता की जा चुकी है। अब द्वितीय चरण में लोगों को अपने गांवों की ओर लाने का प्रयास किया जा रहा है।