गोपेश्वर (चमोली)। जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना की अध्यक्षता में सोमवार को समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत गठित जिला स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी की बैठक हुई। जिसमें बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान के सृजन पर जोर दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा हर बच्चे के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है। इसको मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाये जाने चाहिए। इस दौरान समग्र शिक्षा, पीएम श्री, निपुण भारत मिशन, पीएम पोषण अभियान के अन्तर्गत संचालित गतिविधियों के साथ ही जनपद स्तर पर संचालित समर्थ गांव योजना की विस्तृत समीक्षा की गई।

जिलाधिकारी ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा हर बच्चे के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने निर्देशित किया कि बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान (एफएलएन) के लिए बेसिक स्तर पर समुचित वातावरण का सृजन किया जाए। जिन विद्यालयों में बच्चों का लर्निंग लेवल बहुत कमजोर है, उनको चिह्नित करें और उन विद्यालयों में प्रोत्साहन धनराशि पर वॉलिंटियर शिक्षक नियुक्त करते हुए बुनियादी शिक्षा में सुधार लाया जाए। मूल्यांकन के बाद कमजोर बच्चों पर विशेष फोकस करें। बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने के लिए शिक्षकों को प्रोत्साहित करें और जो शिक्षक अच्छा कार्य कर रहे, उनको सम्मानित किया जाए। उन्होंने कहा कि इससे कमजोर बच्चों को फायदा मिलेगा। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि बुनियादी शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार करते हुए उसका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। पीएम श्री और पीएम पोषण के अन्तर्गत विद्यालयों में प्लानिंग के साथ मरम्मत एवं अन्य निर्माण कार्य कराए जाए। विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान शिक्षा अधिकारी स्थानीय जन समुदाय से फीडबैक लेकर अपने स्तर पर नियमित समीक्षा करें।

जिले में शत प्रतिशत साक्षरता के लिए संचालित ‘‘समर्थ गांव योजना’’ की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि साक्षरता कार्यो का मूल्यांकन किया जाए। छूटे हुए निरक्षर लोगों को साक्षर बनाने के लिए प्रोत्साहित करें। साक्षर बनने के इच्छुक ऐसे बुजुर्ग जिनकी आंखें कमजोर है या किसी उपकरण की आवश्यकता है तो उनको चिन्हित करें, ताकि उनको साक्षर बनाने के लिए सहयोग दिया जा सके। निरक्षर लोगों को साक्षर बनाने के लिए बैठक में बीएलओ, शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं ज्ञान मित्रों के सुझाव भी लिए गए।

मुख्य शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जनपद में सरकारी एवं प्राइवेट कुल 1509 विद्यालयों में 70244 बच्चे पंजीकृत है। गुणवत्ता युक्त शिक्षा के लिए बच्चों का प्रत्येक महीने में स्किल टेस्ट लेकर मूल्यांकन किया जाता है। समर्थ गांव योजना के अंतर्गत जनपद में 22540 निरक्षर लोगों को चिन्हित किया गया था। जिसमें से 14586 लोगों को साक्षर बनाया गया है तथा छूटे हुए 7954 लोगों को साक्षर बनने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। समर्थ गांव योजना में सात हजार से अधिक व्यक्तियों द्वारा स्वयंसेवी (ज्ञान मित्र) के रूप में कार्य किया जा रहा है। बैठक में मुख्य शिक्षा अधिकारी कुलदीप गैरोला, परियोजना निदेशक आनंद सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी धर्म सिंह रावत आदि मौजूद थे।

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