केंद्र सरकार का पुतला दहन कर किया विरोध प्रदर्शन
गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिला कांग्रेस कमेटी ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर आरोप लगया कि सरकार की ओर से राजनैतिक प्रतिशोध और द्वेष की भावना से प्रेरित होकर सरकारी एजेंसियों का दुरूपयोग करते हुए विपक्षी दल के नेताओं का उत्पीडन किया जा रहा है। जिसकी कांग्रेस पार्टी घोर निन्दा करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई इसी बात का द्योतक है। कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय गोपेश्वर के तिराहे पर सरकार के विरोध में प्रदर्शन करते हुए पुतला दहन किया। तथा जिलाधिकारी के माध्यम से एक ज्ञापन राष्ट्रपति को भेजकर इसका संज्ञान लिये जाने की मांग की है।
कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष विरेंद्र सिंह रावत ने कहा कि नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र की स्थापना पं जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, पुरुषोत्तम दंडन, आचार्य नरेंद्र देव, रफी अहमद किदवई और अन्य नेताओं की ओर से वर्ष 1937 में की गई, ताकि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड नामक कंपनी को स्थापित करके देश में स्वतंत्रता आंदोलन को आवाज दी जा सके। 1942 से 1945 तक अंग्रेजी हुकुमत ने भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान इस समाचार पत्र को प्रतिबंधित कर दिया गया था। जिसे महात्मा गांधी ने राष्ट्रीय आंदोलन के लिए एक त्रासदी के रूप में वर्णित किया था। इस समाचार पत्र की संपादकीय उत्कृष्टता के बावजूद, नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र निरंतर आर्थिक रूप से घाटे में जाता गया, जिसके परिणाम स्वरूप इसके और से देय बकाया राशि 90 करोड़ रूपए तक पहुंच गई। इस संकट में फसे नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र की सहायता के लिए कांग्रेस पार्टी ने वर्ष 2002 से लेकर 2011 के दौरान लगभग 100 किश्तों में इसे 90 करोड़ रुपये का ऋण दिया। इसमें महत्वपूर्ण ध्यान देने वाली बात यह है कि इस 90 करोड़ रुपए की राशि में से नेशनल हेराल्ड ने 87 करोड़ रुपए अपने कर्मचारियों के वेतन और बीआरएस का भुगतान करने के लिए उपयोग किए और बाकी की राशि बिजली शुल्क, गृह कर, किरायेदारी शुल्क और भवन व्यय आदि जैसी सरकारी देनदारियों को भुगतान के लिए इस्तेमाल की गई। उन्होंने कहा कि बीजेपी में बैठे लोग और उनके हितैषी जो कि नेशनल हेराल्ड को दिए गए इस 90 करोड़ रुपये के ऋण को अपराधिक कृत्य के रूप में मान रहे हैं, ऐसा वह विवेकहीनता और दर्भावना से अभिप्रेत होकर कह रहे हैं। यह सर्वथा अस्वीकार्य है।
जिलाध्यक्ष ने कहा कि राजनीतिक दल की ओर से ऋण देना भारत में किसी भी कानून के तहत एक आपराधिक कृत्य नहीं है। यहां तक कि चुनाव आयोग ने वर्ष 2012 के अपने एक पत्र के माध्यम से सुब्रमण्यम स्वामी को यह स्पष्ट करते हुए लिखा था कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो किसी राजनीतिक दल की ओर से खर्च को प्रतिबंधित या नियंत्रित करता हो। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, स्व. मोतीलाल वोरा, सुमन दबे आदि इस नॉट-फॉर प्रॉफिट कंपनी की प्रबंध समिति के सदस्य हैं। नॉट-फॉर प्रॉफिट की अवधारणा पर स्थापित किसी भी कंपनी के शेयर धारक, प्रबंध समिति के सदस्य कानूनी रूप से कोई वेतन या अन्य वित्तीय धन नहीं ले सकते हैं। ऐसे में उन पर वित्तीय प्राप्ति का आरोप निराधार है। उन्होंने राष्ट्रपति से मांग की है कि देश के संवैधानिक संरक्षक होने के नाते नेशनल हेराल्ड मामले में हस्तक्षेप करते हुए केन्द्र सरकार को सत्ता का दुरूपयोग रोकने के लिए दिशा निर्देश दिया जाए। इस मौके जिलाध्यक्ष विरेंद्र सिंह रावत, पर हरिकृष्ण भट्ट, अरविंद नेगी, आनंद सिंह पंवार, मनीष नेगी, ताजवीर कंडेरी, उषा रावत, गोविंद सजवाण, विलेश्वरी देवी, मंजू देवी, किशोरी लाल, दर्शन विश्वकर्मा आदि मौजूद थे।